
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। जिले में स्वास्थ्य विभाग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दावा करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत देखे तो स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले नजर आते हैं. सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए ज़्यदातर मरीज गए गांव के इलाकों से आते हैं जो महंगे और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करा पाते क्योंकि वे आर्थिक रूप इतना मजबूत नहीं होते. लेकिन सरकारी स्वास्थ्य अमले की लापरवाही से मरीज लंबे दूरी तय कर निजी अस्पताल में इलाज कराने मजबूर है और सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी अस्पतालों में रख-रखाव का अभाव हैं.
ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थय केंद्र कुंडा का है जहां तीन साल पहले एक्सरे मशीन लगा है लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है और रेडियोग्राफर के अभाव में आज तक एक भी मरीज लाभ नही ले पाएं है. लिहाजा आज लाखों रुपये का एक्सरे मशीन कबाड़ के रूप में धूल फांकते पड़ा हुआ है.
- समय पर मरीजों को नहीं मिलता इलाज
ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थय केंद्र कुंडा व कुकदूर में तीन साल पहले एक्सरे मशीन का सप्लाई किया गया और इसकी इंस्टालेशन भी किया गया लेकिन रेडियोग्राफर के अभाव में आज तक एक भी मरीज का एक्सरे नही किया गया है. इस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और सप्लायर को लाखों रुपये का फायदा पहुंचाया गया. इस स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगभग 45 गांव आते है जहां के लोग स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने यहां निर्भर है. इस क्षेत्र के सड़के काफी जर्जर है. ज़्यादातर लोग दुर्घटना के शिकार होते है जिन्हें कवर्धा जिला अस्पताल रिफर किया जाता है. इससे सही समय मरीजों का इलाज नहीं हो पाता.
- सवाल के बाद नींद से जागे ज़िम्मेदार?
इस पूरे मामले के संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी एल राज से जब बात किया गया तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया. उन्होंने बताया जब वे पंडरिया BMO थे तीन साल पहले उस समय प्राथमिक x-ray मशीन की सप्लाई हुई थी लेकिन रेडियोग्राफर के अभाव में आज तक इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है. जिला अस्पताल सहित ब्लॉक मुख्यालय में एक्सरे मशीन लगा हुआ है जहां एक्सरे होती है. उन्होंने कहा कि अगर इस कीमती मशीन को कबाड़ में रखा गया है तो इसकी जानकारी लेकर मैं जिम्मेदार के ऊपर कार्रवाई करूंगा.



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