छत्तीसगढ़बेमेतरा

Chhattisgarh हादसा : फैक्ट्री में हाई पावर एक्सप्लोसिव का निर्माण:जिनसे शरीर के चीथड़े होने में 0.10 सेकेंड लगते हैं;16 किलोमीटर तक सुनाई पड़ी ब्लास्ट की आवाज

UNITED NEWS OF ASIA. बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के पिरदा गांव में स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में धमाका हुए 24 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है। हैरानी ये है कि जिला प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन अब तक हादसे में मरने वालों का पता नहीं लगा पाए हैं। विस्फोट के दौरान फैक्ट्री में किन मजदूरों की ड्यूटी थी, इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

हालांकि प्रशासन ने रविवार को 7 मजदूरों के लापता होने की पुष्टि कर दी है। इनकी तलाश के लिए रविवार सुबह फिर मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। रात को अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था।

स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री देश बारूद सप्लाई करने के मामले में देश की टॉप-18 हाई एक्सप्लोसिव फैक्ट्री में शामिल है। यहां अमोनियम नाइट्रेट, PETN यानि पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट, TNT यानि ट्राइनाइट्रो टॉल्विन और डायनामाइट जैसे खतरनाक विस्फोटकों का निर्माण होता है।

फॉरेंसिक विभाग के जॉइंट डायरेक्टर टीएल चंद्रा ने बताया कि ऐसे विस्फोटकों से शरीर के चीथड़े उड़ने में 0.10 सेकेंड से भी कम का समय लगता है। ऐसे हालात में फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद यहां काम करने आए मजदूरों को उनके परिजन ढूंढ़ रहे हैं। प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन से कोई जवाब नहीं मिला।

इस तरह से हुआ था विस्फोट

फैक्ट्री में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शनिवार सुबह 6 बजे की शिफ्ट में मजदूर काम करने पहुंचे थे। जिस फैक्ट्री में PETN यानि पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट, TNT यानि ट्रिनिट्रोटोल्यूइन और डायनामाइट स्ट्रीक जैसे खतरनाक विस्फोटकों का निर्माण होता है, वहां के यार्ड में लगी मशीन में सुबह 7.40 बजे आवाज आने लगी।

इसी दौरान मशीन का कुछ हिस्सा गिरा और चिंगारी से आग लगी। आग लगती देखकर वहां काम कर रहे मजदूर गेट की तरफ भागे। TNT यार्ड की तरफ से मजदूरों को दौड़ता देखकर परिसर में मौजूद बाकी लोग भी भागे और लगभग 7.50 बजे विस्फोट हो गया। विस्फोट की वजह से यार्ड के अंदर बाहर निकले 7 लोग घायल हो गया। घायलो को उपचार के लिए रायपुर भेजा गया, इस दौरान एक की मौत हो गई।

ब्लास्ट के बाद से लापता मजदूर

यहां सुबह 6 बजे की शिफ्ट में आए मजदूर ही हादसे का शिकार हुए हैं। ऐसे में अपनों की खैर-खबर लेने के लिए परिजन पूरे दिन भटकते रहे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। गबदा गांव से आए भूषण यादव अपने भाई लोकनाथ को ढूंढ़ रहे थे। सुबह से रात हो गई, लेकिन भाई का कोई पता नहीं चला।

इसके बाद शंकर यादव, नारद और पुनाराम के परिजन देर रात तक फैक्ट्री के बाहर बैठे रहे, लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं आया। ब्लास्ट के बाद भास्कर की टीम पहुंची, तब हमें यहां उस यूनिट की अटेंडेंस रजिस्टर का पहला पेज मिला, जहां ब्लास्ट हुआ था।

इस लिस्ट के अलावा भी जो श्रमिक लापता है, उनके परिजन भी मौके पर मिले। ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि शनिवार की सुबह ये काम पर गए थे, लेकिन अब तक इनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।

कोई ये भी बताने को तैयार नहीं है कि उनके परिजन जिंदा हैं या धमाके में मारे गए। प्रबंधन की ओर से भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मजदूरों के रोते-बिलखते परिजन से मिलने तक नहीं पहुंचा। जिससे आक्रोशित परिजन और आसपास के ग्रामीण लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार सुबह से एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है।

मलबे का विजन एक्स-रे कर चलाया गया रेस्क्यू

ब्लास्ट के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। फॉरेंसिक अधिकारियों के अनुसार घटनास्थल में ब्लास्ट का डर था, इसलिए मलबे का विजन एक्स-रे किया गया। विजन एक्स-रे करने के बाद मलबे के अंदर बारूद या केमिकल नहीं होने की पुष्टि हुई, तभी खुदाई शुरू की गई। खुदाई के बाद मलबे से कुछ श्रमिकों के शरीर के हिस्से मिले हैं।

DNA जांच से मजदूरों का पता किया जा सकेगा

फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीएल चंद्रा ने बताया कि ब्लास्ट की वजह से शरीर क्षत-विक्षत हालत में हैं। जांच में शरीर के कई चीथड़े मिले हैं, जिन्हें इकट्‌ठा किया गया है। अब इनकी DNA जांच की जाएगी। इसी के बाद पता चलेगा, कौन किसका परिजन है?

DNA रिपोर्ट के आधार पर श्रमिकों के शरीर के हिस्सों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फैक्ट्री के भीतर आखिर कुल कितने मजदूर थे।

16 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ी ब्लास्ट की आवाज

बोरसी गांव के कोटवार बिहारी लाल ने बताया कि ब्लास्ट की आवाज सुबह 7.40 से 7.50 के बीच आई। धमाका इतना तेज था, कि घटनास्थल से 16 किमी दूर तक उसकी आवाज सुनाई दी। जिसने भी आवाज सुनी, वह फैक्ट्री की तरफ दौड़ पड़ा। कोटवार ने बताया, कि जब वो घटनास्थल पहुंचा, तो वहां पीले रंग का धुंआ उठ रहा था।

इसके साथ ही केमिकल के कारण वहां पहुंचे सभी लोगों की आंखों और शरीर पर जलन हो रही थी। ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री के अंदर इतनी गर्मी थी, कि वीडियो बना रहे लोगों के मोबाइल भी काम नहीं कर रहे थे।

बोरसी गांव के कोटवार बिहारी लाल ने बताया कि जब वो घटनास्थल पहुंचा, तो वहां पीले रंग का धुंआ उठ रहा था।
बोरसी गांव के कोटवार बिहारी लाल ने बताया कि जब वो घटनास्थल पहुंचा, तो वहां पीले रंग का धुंआ उठ रहा था।

डेटोनेटर और चट्‌टान तोड़ने वाला बारूद बनता था

हादसे के बाद फैक्ट्री पहुंची भास्कर की टीम को फैक्ट्री परिसर में बड़ी मात्रा में बारूद और केमिकल पेटियों में भरा मिला। मौके पर मौजूद पुलिस और फॉरेंसिक अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में डेटोनेटर और पत्थर-कोल माइंस में इस्तेमाल होने वाले बारूद का निर्माण किया जाता था।

इस बारूद की सप्लाई छत्तीसगढ़ के अलावा देशभर में होती थी। फैक्ट्री में निर्माण होने वाले बारूद को रक्षा विभाग के जुड़े संस्थानों को भी सप्लाई की जाती थी।

हादसे के बाद भी एक्सप्लोसिव का बड़ा स्टॉक फैक्ट्री में रखा हुआ है।

डेढ़ महीने पहले जिस घर में गूंजी थी शहनाई, आज वहां मातम

फैक्ट्री हादसे में प्रशासन ने जिसकी मौत की पुष्टि की है, वह मजदूर सेवक राम साहू हैं। सेवक राम फैक्ट्री के ही पास गांव पिरदा का रहने वाले थे। डेढ़ महीने पहले ही सेवक ने अपनी दो बेटियों की शादी की थी। भतीजे युवराज साहू ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि खुशियों के बाद मातम भी देखना पड़ेगा।

4 बेटियों के पिता, एकमात्र कमाने वाले

4 बेटियों के पिता सेवक राम अपने घर में एकमात्र कमाने वाले थे। सरकार ने मृतकों के लिए 5 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से अब तक कोई बात करने ही नहीं आया। प्रबंधन की ऐसी संवेदनहीनता से परिजन बेहद आक्रोशित हैं।

भतीजे युवराज का कहना है कि 24 साल सेक उनके चाचा सेवक राम इस फैक्ट्री में काम कर रहे थे, लेकिन इस हादसे में हुई मौत के बाद फैक्ट्री वालों ने जानकारी तक नहीं दी। परिजन खुद से अपनों की खैर-खबर लेने पहुंचे तब उन्हें पता चला कि सेवक राम की हादसे में जान जा चुकी है।

ब्लास्ट के समय वे घटना स्थल से दूर थे लेकिन विस्फोट के बाद उछला बड़ा पत्थर उनके सिर में आ गिरा और मौत हो गई।

हादसे की मजिस्ट्रियल जांच कराएगी सरकार

जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच कराने की बात कही है। दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान डिप्टी सीएम ने कहा, कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page