2023 तक कर्नाटक में वंदे मेट्रो हाइड्रोजन ट्रेन: आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी हाईड्रोजन ट्रेन रहने का एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन वर्ष 2023 में आ जाएगी। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित होगी। भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई हाईड्रोजन ट्रेन रेल की पटरियों पर दौड़ता हुआ दिखाई देगा।
उन्होंने बताया कि रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण हो रहा है जो 1950 और 60 के दशक में डिजाइन की वजह से ट्रेन का स्थान लेगी। केंद्रीय रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को यह जानकारी दी। वैष्णव ने यह भी कहा कि दिसंबर 2023 में पहला स्वदेश रूप से डिजाइन और फाइल फाइल किया जाएगा। उन्होंने यहां दस्तावेज से कहा कि ”हम वंदे ट्रेन का डिजाइन तैयार कर रहे हैं और डिजाइन मई या जून तक तैयार हो जाना चाहिए। हम एक विश्वस्तरीय वंदे मेट्रो डिजाइन कर रहे हैं जो एक बड़ी उपलब्धि होगी। रेल मंत्री ने कहा, ”इन वंदे मेट्रो ट्रेनों का निर्माण इतनी बड़ी संख्या में किया जाएगा कि देश भर में 1950 और 1960 के दशक की डिजाइन वाली सभी ट्रेनों को बदल दिया जाएगा।
बैंगलोर में दौड़ेगी ट्रेन
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन कर्नाटक के बैंगलोर में दौड़ेगी। इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत देश में काफी संख्या में वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण हो रहा है। इनमें से हाईड्रोजन ट्रेन देश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। यह पर्यावरण मित्र होगा। इसका संकलन पर कसेगा। हालांकि रेल मंत्री ने यह नहीं बताया कि अभी ये ट्रेन कहां से कहां तक ली गई है।