UNA Vishlesanकबीरधामछत्तीसगढ़

UNA विश्लेषण : द न्यू ग्लोरिअस किंग ऑफ़ छत्तीसगढ़ “राम ही विजय”

इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे।
ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात्।।

नमस्कार ! UNA के देवतुल्य आप सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, जब पुरे संसार में राम पर चर्चा हो रही है तो राम से जुड़े हर राजनितिक पहलुओं पर प्रकाश डालना भी जरुरी है, आज के इस विशेष लेखांकन क्रम को पढने से पहले आपको इस लेख में बने फोटो को सकारात्मक तरीके से सोच कर समझना होगा और फोटो की पहलु को समझने से भी पहले आजाद भारत की उस विशेष राजनितिक बातों को समझना होगा जो राम से जुडी है .. मेरी कोशिश होगी की मै  पुरे विषय को आपके सामने रख पाऊं ..
जय राम जय सीताराम

“रामविरोधी कांग्रेस या रामभरोसे बीजेपी”

“राम” ही प्रारम्भ,”राम” ही अंत
2 सीट से 303 पर पहुँची राम नाम की पार्टी तो 40 पर अटका काल्पनिक मानने वालों का साम्राज्य

क्या अब जनता की भावनाओं के अनुरूप बदलेगी कांग्रेस?

राम जन्मभूमि में श्रीराम लला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ भारत देश मे एक नए युग का आगाज हुआ. आधुनिकता की ओर बढ़ रहे भारत देश ने अपने जड़ो में जाकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के घर वापस आने को नई दीवाली कहकर खूब खुशियां मनाई पर इसी बीच हम बात करते है देश की उस सबसे पुरानी पार्टी का जिसके ऊपर देश मे सबसे ज्यादा समय तक राज करने का तमगा हासिल है

कांग्रेस पार्टी…यू तो एक समय था जब पूरा देश काँग्रेसमय था
हर घर का मुखिया गांधी जी को आदर्श मानकर तिरंगे की शपथ लेकर कांग्रेस के साथ चल पड़ा
पर आज दौर बदल चुका है कांग्रेस पर लग रहे रामविरोधी आरोपो ने आज कांग्रेस को 400 से 40 पर लाकर रख दिया.

आइये जानते है कांग्रेस की दुर्गति में राम नाम की महिमा

कांग्रेस पार्टी देश मे गम्भीर तुष्टिकरण का आरोप झेलती आयी.एक वर्ग विशेष को महत्व देने का आरोप कांग्रेस पर हमेशा लगते रहा है.गांधी परिवार में आज तक अटकी हुई कांग्रेस ने हमेशा खुद को राम भक्त होने से परहेज किया और नतीजा सामने है कि किस तरह आज कांग्रेस शर्मसार हो रही है.

पहले कहा राम काल्पनिक तो अब राम मंदिर का न्योता ठुकरा दिया

भारत देश जिसका नाम तक राजा भरत के नाम पर आधारित है उस देश मे भगवान श्री राम को काल्पनिक बताते हुए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश किया था. जब ये मामला देश की जनता के बीच आया तो कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई और कांग्रेस के हिडन एंटीहिन्दू होने का फायदा पूरी तरह बीजेपी ने उठाया और आज बीजेपी देश मे सबसे आगे है.आगे बीजेपी जहाँ राम मंदिर निर्माण को एक उत्सव एव उपलब्धि के रूप में प्रयोग कर रही है तो वहीं कांग्रेस ने राम मंदिर निर्माण के निमंत्रण को अस्वीकार करके पुनः खूद को हिन्दू विरोधी साबित कर दिया.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के अलावा इंडिया गढ़बन्धन के तमाम पार्टी नेताओं को निमंत्रण मिला जिन्होंने किसी भी तरह का कारण बताकर राम मंदिर कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किये पर किसी भी पार्टी ने निमन्त्रण अस्वीकार नही किया.

आखिर क्यों कांग्रेस पार्टी ने ये कदम उठाया???
क्या कांग्रेस इस विषम परिस्थितियों में भी तुष्टिकरण करना चाह रही है???

क्या कांग्रेस सच मे राम मंदिर निर्माण नही चाहती थी???

सवाल लाजमी है क्योंकि एक तरफ़ देश का सबसे बड़ा वर्ग अपने भगवान के लिए दिए जला रहा तो वही कांग्रेस किसी भी तरह के बधाई संदेश तक से बचती रही. आलम ये है कि अब पार्टी के ही कई नेताओं ने इस विषय पर खुल कर विरोध करके कांग्रेस आलाकमान को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

बहरहाल जो भी हो राम जी जिनके साथ है उन्हें किस बात की चिंता ये कहकर हम आगे बढ़ते है
यकीनन इस देश मे राम को मानने और न मानने का फर्क देखना है तो सिर्फ ये देख लीजिए कि कभी राम मंदिर के लिए हुए रथ यात्रा के सिपाही नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री है, राम के नाम और हिंदुत्व को बचाने के लिए अपने जीवन की परवाह किया बिना लोहा लेने वाले विजय शर्मा आज छत्तीसगढ़ के यशमान उपमुख्यमंत्री हैं और राम को काल्पनिक बताने वाले पार्टी छत्तीसगढ़ सहित आज देश मे क्षेत्रीय पार्टीयों की स्थिति में है.

यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर ख़बरों का सटीक विश्लेषण निरंतर जारी है..

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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