पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक ऐसा बयान दिया है जिसकी पूरी दुनिया आलोचना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिलावल भुट्टो की टिप्पणी काफी न्यायसंगत है। साथ ही ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयानों के आगे घुटने टेक दिए गए। जयशंकर ने अपने दावों में पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि ‘ओसामा रोलिंग लादेन की मेजबानी’ का उल्लेख किया गया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बिलावल भुट्टो की टिप्पणी को ‘पाकिस्तान के मानकों से भी विनियमित’ बताया और उन्हें 1971 में पाकिस्तान सेना के बांग्लादेश में लाखों लोगों के नरसंहार के बारे में याद दिलाते हुए।
बिलावल भुट्टो मोदी को ‘गुजरात का कसाई’ द्वारा दावा दिखाने के लिए JJ, मुंबई और अन्य शहरों ने अपना विरोध दर्ज कराया है। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के ब्रीफिंग रूम में बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘मैं जयशंकर को याद दिलाना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन मर चुके हैं, जबकि ‘गुजरात का कसई’ जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। प्रधानमंत्री बनने से पहले उनके अमेरिका आने पर पाबंदी लगी थी। ये आरएसएस के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं, जो हिटलर के नाज़ीवादी फ़ॉर्स एसएस से प्रेरणा लेते हैं।
और बिलावल भुट्टो के इस बयान से ठीक पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने क्या कहा था? वे पाकिस्तान के विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खर के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें खर ने भारत को ‘आतंकवाद का सबसे बड़ा अपराधी’ बताया था।
जयशंकर ने हिना रब्बानी खर को पाकिस्तान के आतंकवादी इतिहास को भी याद किया। उन्होंने अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के उन बयानों का ज़िक्र किया जो एक दशक पहले इस्मालाबाद की यात्रा के दौरान हिलेरी क्लिंटन ने हिना रब्बानी खर की मौजूदगी में दिया था। जयशंकर ने कहा-‘जहां तक याद है तो हिना रब्बानी खर के बगल में खड़े हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि अगर आप सांप पालेंगे तो ये रोजगार नहीं बैठ सकते कि वो आपके पड़ोसियों को ही डसेंगे। देर से सबेर वे सांप उन लोगों को भी डांस करेंगे जो उन्हें पालते हैं।
जयशंकर ने कहा, ‘दिक्कत ये है कि पाकिस्तान कभी भी अच्छी सलाह नहीं देता… आप देख ही रहे हैं कि वहां क्या हो रहा है। आज पूरी दुनिया उन्हें आतंकवाद का अड्डा मानती है। इस क्षेत्र में और इसके बाहर की सभी गतिविधियों पर उनकी छाप दिखाई देती है।’
संयुक्त सुरक्षा परिषद में कश्मीर का दावा करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘जिस देश ने ओसामा बीमा लादेन को सुरक्षित पनाहगाह दी और पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था में’ उपदेश ‘ देने का कोई अधिकार नहीं है।’
बिलावल भुट्टो ने हमारे पीएम के खिलाफ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, उम्मीद है कि दुनिया के किसी नेता से नहीं किया जा सकता है। बिलावल पाकिस्तान के विदेश मंत्री हैं। हालांकि, पाकिस्तान की जनता भी उनकी इस टिप्पणी को व्यक्त कर रही है। बिलावल शायद ही भूल गए हैं कि पाकिस्तान में सेना सरकार बनाती है या टूटती है और सेना के समर्थन के कारण ही वह विदेश मंत्री बने हैं। वहीं नरेंद्र मोदी आम चुनाव में 135 करोड़ भारतीय एक बार नहीं, बल्कि दो बार प्रधानमंत्री बने। गुजरात के लोगों ने उन्हें तीन बार चुने हुए और हाल के चुनावों में फिर से अपना भरोसा दिया।
मोदी भारत के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले राजनेता हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा अपने नेता के बारे में इस तरह की टिप्पणी भारत कभी नहीं देगा। बिलावल भुट्टो को कोई नहीं जानता, अगर वे विकलांग बेंजीर भुट्टो के बेटे और लेट जुल्फिकार अली भुट्टो के नाती नहीं होते। मोदी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्होंने जीवन में काफी मुश्किलों का सामना किया और लोगों का स्नेह पाने में सफल रहे।
पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के रिपोर्टर को जयशंकर ने जवाब दिया कि उन्हें निश्चित रूप से गंभीर होना चाहिए। रिपोर्टर ने जब एस. जयशंकर से पूछा कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान कब तक आतंकवाद से लड़ेंगे, तो जयशंकर ने जवाब दिया: ‘आप गलत मंत्री से यह सवाल कर रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान के मंत्री ही आपको बता सकते हैं कि पाकिस्तान कब तक आतंक को बढ़ावा देना चाहता है। दुनिया मूर्ख नहीं है, दुनिया भूली नहीं है।
‘आज दुनिया उन देशों, संगठनों और लोगों की निंदा करती है जो आतंकवादी घटनाओं को संलिप्त हैं। चर्चा को किसी ओर दिशा में ले जाकर आप इसे छुपा नहीं सकते। अब आप किसी को भी और भटक नहीं सकते। लोगों को अब समझ आ गया है। वे सच्चाई जानते हैं इसलिए, मेरी सलाह है कि कृपया अपने कार्यों में सुधार करें और एक अच्छा पड़ोसी बनने की कोशिश करें। कृपया, बाकी दुनिया की तरह आर्थिक स्वायत्तता, प्रगति और विकास में योगदान देने की कोशिश करें। मैं उम्मीद करता हूं कि आपके जरिए यह संदेश पहुंच जाएगा।’
जब जयशंकर ने पाकिस्तान को दिखाते हुए दिखाया कि हिना रब्बानी खर को पाकिस्तान का इतिहास याद आता है तो ये बात बिलावल को बहुत जालिम। इसीलिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में घटिया बयान दिया। उन्होंने पीएम मोदी को ‘कसाई’, ‘हिटलर के एसएस’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। हालांकि पाकिस्तान में भी बिलावल के इस बयान की निंदा हुई। पाकिस्तान के कई लोगों ने कहा कि बिलावल विदेश मंत्री भले ही बन गए हों, लेकिन देम डिप्लोमेसी की तमीज नहीं है।
बिलावल भुट्टो की यह टिप्पणी ऐसे ऐतिहासिक दिन आई जब 1971 में इसी दिन भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पाकिस्तान के 91 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए थे। भारत इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाता है।
बिलावल भुट्टो की इस टिप्पणी से बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए। बीजेपी के सांसद और युवा मोर्चा अध्यक्ष के तेजस्वी सूर्या की पहचान में बीजेपी आरक्षण ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। दिल्ली, जम्मू और मुंबई में दारोगा ने बिलावल भुट्टो का पुतला फुंका। कांग्रेस ने भी बिलाव के बयानों पर नाखुश जाहिर की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश की सामान्य राजनीति की बात अलग है लेकिन अगर कोई दूसरा देश हमारे प्रधानमंत्री के बारे में अपशब्द कहेगा तो उसके खिलाफ सभी हिस्सेदार एकजुटता का जवाब देंगे। उन्होंने कहा, ‘बिलावल के दादाजी 1000 साल तक लड़ने की बात करते थे।’
अब मैं आपको बता रहा हूं कि बिलाव भुट्टो को काली मिर्च क्यों लगी? एक तो हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को एक्सपोज कर दिया। मैं जयशंकर की इच्छा पूरी करूंगा कि उन्होंने पाकिस्तान को आईना दिखाया। पाकिस्तान नेताओं को याद रखना चाहिए कि मोदी ने सबसे पहले लाहौर से दोस्ती का हाथ जोड़ा था लेकिन बदले में पाकिस्तान ने उरी और दिखावा जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। जब पाकिस्तान नहीं माना तो मोदी ने दिया इन हमलों का जवाब। घर में घुसकर मारा, सर्जिकल स्ट्राइक की। मोदी ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में दिया जवाब।
हर बार पाकिस्तान के हुक्मरान पूरी दुनिया के सामने रोए पर उन्हें कहीं से भी समर्थन नहीं मिला। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित किया। चीन को भी पाकिस्तान की मदद नहीं मिली। इसलिए पाकिस्तान को काली मिर्च लगी। बिलावल भुट्टो पूरी तमीज भूल गए। उन्होंने उल-जलूल बयान दिए। अब उनकी चारों तरफ से पिटाई हो रही है। मुझे भी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐसा ही किया है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 16 दिसंबर, 2022 का पूरा एपिसोड