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सारा ने म्यांमा जुंटा, लीबिया, लीबिया की विरोधी सरकार को सीट देने से इनकार कर दिया

लीबिया की प्रतिद्वंद्वी सरकार

प्रतिरूप फोटो

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संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों ने ‘क्रेडेंशियल्स कमेटी’ की ‘क्रेडेंशियल्स कमेटी’ की ओर से अधिकृत करने के लिए अधिकृत किया कि संयुक्त राष्ट्र में अपने-अपने राजदूत को इन तत्संबंधी देशों के अनुरोध को खारिज कर दिया जाए।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमा की सैन्य जुंटा, अफगानिस्तान के आन्दोलन शासकों और लीबिया की विरोधी सरकार के विश्व निकाय में अपने-अपने देश की सीट संभालने का अनुरोध शुक्रवार को खारिज कर दिया। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों ने ‘क्रेडेंशियल्स कमेटी’ की ‘क्रेडेंशियल्स कमेटी’ की ओर से अधिकृत करने के लिए अधिकृत किया कि संयुक्त राष्ट्र में अपने-अपने राजदूत को इन तत्संबंधी देशों के अनुरोध को खारिज कर दिया जाए। इस जजमेंट का मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में म्यामां का प्रतिनिधित्व क्या मो तुन करते हैं, जो आंग सान सू ची के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को एक फरवरी 2021 को सत्ता से बेदखल किए जाने के अधिकार म्यांमा के राजदूत थे।

वहीं, अफगानिस्तान की सीट के राष्ट्रपति अशरफ गनी के धोखे वाले देश की पूर्व सरकार के पास वाले बने रहेंगे, जिन पर बंदियों ने अगस्त 2021 में सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसी तरह, पश्चिमी लीबिया में राजधानी त्रिपोली स्थित सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत ताहिर एल्सोनी देश के राजदूत बने रहेंगे। ‘क्रेडेंशियल्स कमेटी’ के अध्यक्ष एवं संयुक्त राष्ट्र में गुयाना के राजदूत कैरोलिन रोड्रिगेज बिर्केट ने कहा, ”महासभा के 77वें सत्र में समिति ने म्यांमार, अफगानिस्तान और लीबिया के प्रतिनिधियों से जुड़े परिचय पत्र पर विचार-विमर्श को भविष्य के लिए टालने का फैसला किया किया है। महासभा का यह सत्र अगले साल सितंबर में खत्म हो जाएगा।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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