
45 से लेकर 60 के बीच में यदि आप वेटगेन का शिकार हो रहे हैं, तो रजोनिवृत्ति इसका एक मुख्य कारण हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब आर्किटेक्चरल साइकल खत्म हो जाता है और ओवरी एग्स प्रोड्यूस करने की क्षमता खो देता है। इसके अलावा इस उम्र में शरीर में कई हार्मोन परिवर्तन भी शामिल होते हैं, जिससे नींद नहीं आती, गर्म बुखार और थकान और मोटापा बढ़ने लगता है। जानिए रजोनिवृत्ति में वेटगेन (रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ना) का कारण और आरंभ के उपाय भी देखें।
इस बारे में बातचीत करते हुए सीके बिरला अस्पताल में महिला रोग विभाग के निदेशक डॉक्टर सीमा सहगल ने कई गैर-विचारणीय विचार रखे। उन्होंने बताया कि 45 से लेकर 55 साल तक की महिलाओं को रजोनिवृत्ति की स्थिति से गुजरातना विभाग है। ओवेरियल फ़ॉलिक्यूलर फ़ंतासी के स्क्रीनशॉट बंद हो जाते हैं। इसके बाद ओवरसीज एग्स जारी करना बंद कर देते हैं। अगर लगातार 12 महीने तक मासिक धर्म नहीं होता है, तो ये रजोनिवृत्ति का ही एक संकेत है।
रजोनिवृत्ति के दौरान कमजोरी बढ़ने के 5 कारण
1. जल शोधन
रजोनिवृत्ति के दौरान पानी की कमी भी कुपोषण का कारण साबित हो सकती है। दरअसल, शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण शरीर में पानी जमा होने लगता है। जो रिटेंशन और ब्लोटिंग का कारण बन जाता है। इससे महिलाओं को शरीर में भारीपन का एहसास होता है। कपड़े टाइट निकले हुए हैं और शरीर भी फूला हुआ महसूस होता है।
2. हार्मोन्स में आने वाले बदलाव
शरीर में होने वाले लेबल के जीवित महिलाओं को पशुचिकित्सक की समस्या से गुजरना पड़ता है। दरअसल, इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर आपको कम लगता है। यह थाइज़, पेलविक और पेट के आस-पास चर्बी जैम हो जाता है। इससे शरीर में विसरल फाल्ट भी बढ़ने लगता है। इसका असर दिल की सेहत पर भी दिखता है। साथ ही कामर्स का खतरा भी बना रहता है।
3. लोकतंत्र में बदलाव
लाइफ स्टाइल स्टाइल में आने वाले कुछ बदलाव वेटगन का कारण बनने लगे हैं। ऋण सुविधा से ऋण धारण करना, ओवर इटिंग करना और लक्ष्य न का पाना भी ऋण वृद्धि का कारण है। दरअसल, कई महिलाओं की ऐसी स्थिति में मीठे खाने की चाहत बार-बार उठती है। अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थों से कमजोरियों में बढ़ोतरी होती है, जो इस दौरान महिलाओं में लो सेल्फ इस्टीम का कारण बन जाती है।

4. नींद पूरी न होना
रजोनिवृत्ति में भी नींद न आना महिलाओं की परेशानी का कारण बनता नजर आता है। रात भर खाना आना और नींद न आना पूरी तरह से मोटापा बढ़ने लगता है। असल में, नींद न आने से आपको अगली सुबह सक्रिय महसूस नहीं होता है। ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी में भी कमी आ जाती है, जो हमारे शरीर में कैलोरीज़ को बढ़ाने का काम करती है। वेटलॉस के लिए व्यायाम सबसे अधिक आवश्यक है।
शरीर को वेटजेन से बचाने के लिए लाइफस्टाइल स्टाइल में शामिल करें ये सामान्य बदलाव
कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो जाती है
समर्थकों का कहना है कि अपने समग्र में अन्य पोषक तत्वों को शामिल करके कार्ब्स की मात्रा को संतुलित करने का प्रयास करें। इससे न केवल बलि फात ऐसा लगता है कि विकास बल्कि मेटाबॉलिक संभावनाओं से भी जैविक विकास होता है।

बाद का संस्करण
शरीर में रिवाइवल सेंसिटिविटी को बढ़ाने के लिए भूख को मील का हिस्सा बताएं। इसके घटकों में उच्च ग्रेड खाद्य पदार्थों सहित पंपकिन सीड्स और फ्लैक्स सीड्स शामिल हैं।
आरामदायक है पढ़ाई
शरीर ख़राब तनाव और चिंता में डूबा रहता है। कुछ भी फिजियोथेरेपी कार्यशाला करने से थकान भी महसूस होती है। ऐसे में कुछ वक्त रेलैक्स करें और सोने का भी प्रयास करें।
योग और वस्तुएँ
अगर आप योग और लक्ष्य नहीं कर रहे हैं, तो इससे आपका वजन बढ़ता दिख रहा है। अप्रकाशित में कुछ वक्ता चंचलता सक्रियता के लिए खोजें। इससे आपका शरीर रचना मंडल।
बकाया का सेवन करने से बचाया
वे लोग जो भारी मात्रा में अनुपात का सेवन करने लगे हैं। उनके पशु भी खुद ब खुद तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसी स्थिति में कोरे का सेवन करने से हिचकिचाहट।
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