
बचपन में हम सभी ने कभी ना कभी दादी, नानी और माँ को कान, नाक और इंटिमेट एरिया में तेल या घी से चिकना करते देखा होगा। इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? असल में प्राचीन काल से आयुर्वेद में लोग पुरावशेष रूप से ऐसे चलते आ रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह हमारे समग्र शरीर के लिए बेहद चमत्कारी हो सकता है। इसलिए कम उम्र के बच्चों के कान नाक और शरीर के अन्य छिद्रों में बार-बार तेल या घी डाला जाता है।
आज हेल्थ ट्रस्ट के साथ इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे। जानेंगे किस तरह यह हमारे लिए चमत्कारी हो सकता है (मानव शरीर के छिद्रों का स्नेहन)।
सबसे पहले जानें इस पर क्या कहा गया है
हमने इस विषय पर आयुर्वेद फिजीशियन और लेखक डॉक्टर नाज़िया खान से सलाह ली। उन्होंने इसमें कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, तो जानें इस बारे में विस्तार से।
नाजिया का कहना है कि “आयुर्वेद में नौ छिद्रों को नव-द्वार कहा गया है।” इनमें से एक स्नेहन यानी लीनई और बेंजामिन सामीत भंडार के लिए गो-घृत (घी) या तिल का तेल सबसे अच्छा माना जाता है।
नव-द्वार के स्नेह से वात का प्रकोप शांत होता है
कार्य-क्षमता में वृद्धि होती है
दर्द और तनाव से राहत मिलती है
मांसविशेषताएं होती हैं
मस्तिष्क शांत और एकाग्र होता है
दृष्टि, श्रवण, सुनने की क्षमता सर्वोत्तम है
बाल उष्णकटिबंधीय और घने पाए जाते हैं।
नींद अच्छी आती है
इन छिद्रों में जमी हुई मिट्टी और मेल दूर होते हैं।
त्वचा स्निग्ध और युवा रहती है।
कुल मिलाकर इसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं इसलिए आपको इस बारे में जानकारी देनी चाहिए।”
अब जानिए शरीर के ये 9 छेद कौन-कौन से हैं
एक मुँह
दो सप्ताह
नाक के दो छेद
दो कान
एक एन.एस
एक योनि या लिंग
जानिए इन 9 छिद्रों को कैसे करना है सही तरीके से लुब्रिकेट
आंखों को चिकनाई दें
आंखों को चिकनाई देने के लिए तेल की जगह घी का इस्तेमाल करना ज्यादा खतरनाक हो सकता है। आयुर्वेद में माना जाता है कि यह आंखों की जलन को कम करता है और आंखों की रोशनी को भी बढ़ावा देता है। इसके साथ ही आप नारियल के तेल या तिल के तेल से भी आंखों को ल्यूब्रिकेट कर सकते हैं। हालाँकि, आँखों में कुछ भी करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अति आवश्यक है।
क्रेन को बनाएं लुब्रिकेटेड
सरसों के तेल का प्रभाव गुनगुना कर लें और अपने कान में इसकी दो बूंदें डालें। यह आपके कान को पूरी तरह से साफ रखता है और साल के वैक्स को पूरा करता है। ठंड में खासतौर पर आपको सरसों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
नासिका को चिकनाई देना आवश्यक है
आप अपने नाक के छिद्रों में घी या तेल दोनों को मिला सकते हैं। यह दोनों ही इसमें नाटक होते हैं। यह नाक को इंप्लांट नहीं देते हैं और नाक के रास्ते को पूरी तरह से साफ रखते हैं।
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मुँह को चिकनाई दें
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में एक गिलास घी पीने से शरीर के लगभग सभी टिशू ल्यूब्रिकेट हो जाते हैं।

एनस, वेज़ाइना और पेनिस को भी देखें लुब्रिकेटेड
वैजाइना और पेनिस शरीर के संकेत में से एक है। इसे ल्युब्रिकेट करें वक्ता साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले सादी घी और तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नाभि को लाइक करें
नाभि को चिकनाई देने से आपके शरीर को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं, जैसे कि यह आपकी पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है, साथ ही जोड़ों के दर्द और त्वचा से जुड़ी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। इतना ही नहीं यह आंख और रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य के लिए भी चमत्कारी हो सकता है। आप बेली बटन को ल्यूब्रिकेट करने के लिए सरसों के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
सावधानी बरतना जरूरी है
डॉ. नाज़िया की सलाह है, “बच्चों को ल्यूब्रिक से लैस कर रही हैं तो हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस स्थिति में संक्रमण का खतरा होता है।” अगर किसी भी तरह का रोग है तो ऑयलिंग न करें। आँख, कान, योनि में बिना किसी परामर्श के कोई भी चीज़ न डालें।”
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