स्पा से लेकर घर तक जब बात मतमत की होती है तो हम केवल अपने पैर, पैर, पीठ, कमर को ध्यान में रखते हैं लेकिन शरीर के अलावा भी किसी एक अंग में ऐसा होता है जिसे मतस की जरूरत होती है। हम में से शायद ही ऐसा कोई होगा जो ब्रस्ट माइ करता है या इसकी जानकारी रखता है। जो लोग माता-पिता से जुड़ी जानकारी रखते हैं उनमें से कुछ महिलाएं सोचती हैं कि स्तन एक संवेदनशील अंग है और कुछ को चिंता है कि किसी भी स्तन की मालिश से स्तनपान प्रभावित नहीं होता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह स्तन कैंसर की पहचान करने का एक तरीका है।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि ब्रेस्ट केबल केबल ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी प्राप्त करने के लिए इसके विभिन्न फायदे हो सकते हैं। बस आपको स्तन को मालिश करने का सही तरीका होना चाहिए (How to do Breast massage)।
ब्रेस्ट बॉस को लेकर अधिक जानकारी प्राप्त करें और इसमें आपकी मदद करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट और हेड-ऑब्स्टेट्रिक्स गायनेकोलॉजी डॉ. एकता बजाज से बातचीत की।
पहले जानें ब्रेस्ट ब्रेस्ट के कुछ प्रभावशाली फायदे
डॉ. बजाज कहते हैं “कुछ लोगों का मानना है कि नियमित रूप से स्तन स्तन करने से स्तन कैंसर के खतरे कम हो सकते हैं। लेकिन इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। लेकिन भाई-बहनों के कुछ फ़ायदे ज़रूर होते हैं।”
1. टेंडर ब्रेस्ट की समस्या में
विशेषज्ञ का कहना है कि स्तन मालिश रक्त प्रवाह और लसीका जल निकासी में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे स्तन संबंधित, दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। यह आपको आराम पहुंचाने वाले तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
2. ब्रेस्ट का आकार बेहतर हो जाता है
कुछ महिलाएँ स्तन माता इसलिए करवाती हैं ताकि उनके स्तन बेहतर दिखें। स्तनों को कसने, लोच और त्वचा की तेजी में सुधार करने के लिए जैतून के तेल का उपयोग सबसे प्रभावी माना जाता है।
3. ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए भी लाभ हो सकता है
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए स्तन की मालिश बहुत अच्छी हो सकती है, क्योंकि यह दूध के प्रवाह को बेहतर बनाने और ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट से मृत्यु में मदद कर सकती है।
जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक क्लाइंटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन द्वारा 2004 में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला कि बच्चे के जन्म के बाद पहले साल में स्तन की मालिश करने से स्तन के दूध की गुणवत्ता में बदलाव हो सकता है।
जर्नल ऑफ कोरियन एकेडमी ऑफ नर्सिंग द्वारा 2011 में प्रकाशित अध्ययन में स्तनपान कराने वाले नए मांओं को शामिल किया गया। उनके ग्रुप को दो भागों में बांट दिया गया। उनमें से एक हिस्से को 10 दिनों तक 30 मिनट की स्तन मालिश दी गई। परिणाम स्वरूप जिन महिलाओं ने ब्रेस्ट मैटी नहीं करवाई थी उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अधिक दर्द का अनुभव हो रहा था।
हालांकि, डॉ बजाज का कहना है कि स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तनों पर अधिक दबाव डालने से सावधान रहना चाहिए।
यहां जानिए क्या है ब्रेस्ट ब्रेस्ट का सही तरीका
अब जब आपस में मिलकर ब्रेस्ट के फायदे की बात कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं इसे करने का सही तरीका।
अपने ब्रेस्ट को लिंक्स से सर्कुलर मोशन में दिखाई देता है।
अपनी चिड़ियों से अपने स्तन पर लाक दबाव डालें। विंग्स साइड से सेंटर की ओर लेकर जाएं।
एरोला और निप्पल सहित अपने स्तन के चारों ओर विश्वव्यापी गति में हलचल मच जाती है।
ब्रेस्ट टिश्यू की मसाज करने के लिए हैंड्स पर लॉक जोड़ दें। लेकिन ध्यान रहे कि ज्यादा दबाव न डालें।
किसी तरल पदार्थ या किंक को अपने ब्रेस्ट टिश्यू से बाहर निकालने के लिए ब्रेस्ट को हल्का हड़बड़ी से सिकोड़ें।
दूसरे स्तन पर मालिश करने के लिए ठीक इन्हीं स्टेप्स को लिंक करें।
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अब सीखे हुए माता-पिता से किन्हें बचना चाहिए
यदि कोई चीज किसी व्यक्ति के लिए अच्छी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपके लिए भी चमत्कार करेगी। ब्रेस्ट ब्रेस्ट के मामले में भी यही बात लागू होती है, इसलिए कुछ महिलाओं को इससे बचना चाहिए।
डॉ. बजाज का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर से शापित महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं को पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए असुरक्षित हो सकता है। जिन महिलाओं को स्तन से जुड़ी किसी प्रकार की परेशानी होती है, जैसे कि फाइब्रोस्टिक ब्रेस्ट या ब्रेस्ट इंप्लांट्स, उन्हें भी ब्रेस्ट मॉइस्चर से बचना चाहिए या इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
गर्भवती महिला या किसी महिला में स्तन कैंसर का इतिहास है तो उन्हें भी सावधान रहना चाहिए और स्तन मालिश करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। यदि आपको मालिश के दौरान या बाद में आपके स्तनों में दर्द, डिस्कंफ़र्ट या असामान्य परिवर्तन दिखाई देता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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