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जय मां काली महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं कर रही है गोबर से सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन

परिवार के आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार एवं बच्चों के उच्च शिक्षा हेतु मिला सहयोग – संगीता

यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ एशिया – राज्य शासन की सुराजी गांव योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

गोठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों से जुड़कर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गांव में ही रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे, जिससे उनके जीवन में भी बदलाव आ रहा है।

हम बात कर रहे हैं बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम झिरिया के गौठान में जहां जय मां काली महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का कार्य किया जा रहा है।


समूह की महिला संगीता यादव ने बताया कि समय-समय पर कृषि अधिकारियों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त कर गौठान में वर्मी खाद का उत्पादन समूह द्वारा किया जा रहा है, जिससे हमें अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है।

उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं, जो अब मूर्त रूप ले रहा है। गौठान में विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधि से जुड़कर महिलाएं अपने पैरों में खड़ी हो रही है, और स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रही हैं।


संगीता यादव ने बताया कि कृषि विभाग के आत्मा योजना अंतर्गत हमारे समूह को निःशुल्क केंचुआ प्रदाय किया गया साथ ही केंचुआ खाद उत्पादन हेतु प्रशिक्षण भी दिया गया। केंचुआ खाद के साथ केंचुआ का भी उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है।

हमारे समूह के द्वारा अब तक 1206.30 क्विंटल केंचुआ खाद का उत्पादन किया गया, जिसका विक्रय करके समूह को 472897 रू. का आय प्राप्त हुआ साथ ही समूह के द्वारा 143.10 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया, जिससे 12879 रू. आय प्राप्त हुआ।

जिससे हमारे सभी महिलाओं की जीवन में काफी आर्थिक सुधार हुआ है तथा इससे मेरे बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु सहयोग मिला। सभी महिलाएं समूह में काम कर खुश और उत्साहित है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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