भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बारे में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। अब तक वो कह रहे थे, मेरे खिलाफ सबूत ले लिए, गवाहों पर चल रहे हैं, मैं फांसी पर लटक रहा हूं। शुक्रवार के गवाह और सबूत कैमरे के सामने आए। ये गवाह हैं, कुश्ती के अन्तरराष्ट्रीय रैफ़री जगबीर सिंह। रैफरी ने कहा कि उन्होंने कई बार बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों के साथ अश्लील हरकत करते देखा है। जगबीर सिंह ने इससे पहले दिल्ली पुलिस के सामने भी अपना सर्टिफिकेट दाखिल किया है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने जो इलजाम अनुमानों की जांच के दौरान पुलिस ने जिन 125 लोगों के बयान दर्ज किए, उस लिस्ट में जगबीर सिंह का नाम भी है। जगबीर सिंह ने कहा कि महिला पहलवानों ने जो इलजाम माना है, वो बिल्कुल सही हैं। लड़कियों के साथ बृजभूषण शरण सिंह ने गलत हरकतें की। दिल्ली पुलिस ने जगबीर सिंह से तो सिर्फ लखनऊ में टीम के सिलैक्शन के दौरान एक महिला पहलवान को गलत तरीके से जाने के इल्जाम के बारे में पूछा लेकिन जगबीर सिंह ने इंडिया टीवी को इस काले कारनाम के अलावा कई और कारनामों के बारे में बताया, , जगह और मौकों के बारे में बताया, जब बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों को गलत तरीके से छूने की कोशिश की। हमारे संवाददाता अभय पराशर ने जगबीर सिंह से बात की। बृजभूषण शरण सिंह को लेकर हंगामे से दूर जगबीर सिंह आज भी पहलवानों को कुश्ती के गुर सिखा रहे हैं। वो आजकल दिल्ली के चंदगीराम अखाड़े में सीख रहे हैं। ऐसे ही अखाड़े में अभय पराशर ने जगबीर सिंह से बात की। बृजभूषण सिंह के खिलाफ जिन पहलवानों ने एफआईआर दर्ज कराई है, उनमें लखनऊ की घटना का जिक्र है। आरोप ये है कि फोटो सेशन के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने एक लड़की को गलत तरीके से छुआ। बृजभूषण की इस हरकत से लड़की बुरी तरह सहम गई। जगबीर सिंह ने कहा कि ये इलजाम बिल्कुल ठीक है। उन्होंने अपनी आंखों से इस घटना को देखा, लड़की बुरी तरह डर गई थी, वहां से भागी और बृजभास से दूर जा रही थी। जगबीर सिंह ने कहा कि ये घटना पिछले साल 25 मार्च की है। लखनऊ में उस अनुभवी सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के लिए दौड़ रहे थे। ये चैंपियनशिप मेरे में होने वाली थी। परीक्षण खत्म होने के बाद फोटो सेशन में सभी पहलवान, कोच और खिलाड़ी फेडरेशन के अध्यक्ष के साथ फोटो खिंचवा रहे थे, उसी वक्त बृजभूषण ने एक हैवीवेट महिला पहलवान के साथ गलत हरकत की। जगबीर सिंह ने लखनऊ की घटना के बारे में पुलिस को बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि पुलिस ने लखनऊ के अलावा और किसी मामले में उनसे कुछ नहीं पूछा, इसलिए उन्होंने नहीं बताया। जगबीर सिंह ने कहा कि बृजभूषण इस तरह का व्यवहार अक्सर करते थे। अगर पुलिस उनसे दूसरे मामलों के बारे में पूछेगी तो वो इस तरह के कई वाकयात बता सकते हैं। जगबीर सिंह पुराने पहलवान हैं। तीस साल से जुझारूपन से कुश्ती से जुड़े हैं। 2007 से अन्तरराष्ट्रीय रेफरी के तौर पर काम करते हैं। इंटरनेशनल रेसलिंग में रेफरी जज के तौर पर हारकर 2022 में विदेश गए थे। 13 जून को उन्हें एक बार फिर विदेश जाना था, लेकिन इस बार फेडरेशन ने उन्हें नहीं भेजा। जगबीर सिंह ने कहा कि बृजभूषण ने लखनऊ में जो हरकत की, उस तरह के हरकतें वो तब से करते हैं, जब से फेडरेशन के अध्यक्ष बने। जगबीर सिंह ने 2013 का किस्सा बताया। कहा, 2013 में थाईलैंड दौरे के दौरान बृजभूषण ने पहलवानों के लिए हिंदुस्तानी भोजन का एसेट एसेट किया। रात के खाने में जब बृजभूषण पहुंचे तो नशे में थे। उन्होंने नशे की हालत में महिला पहलवानों के साथ गलत हरकत की, उन्हें गलत तरीके से पहचाना। जगबीर सिंह की गवाही इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ कैमरे के सामने गवाही दी है। एक-एक बात, तारीख के साथ बताई गई है जबकि बृजभूषण लगातार ये कहते हैं कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, यौन शोषण के आरोप के बाद बृजभूषण जब भी कैमरे के सामने आए या मंच पर कोई भाषण दिया, तो हर बार उन्होंने यही कहा कि अगर उनके खिलाफ किसी के पास कोई सबूत है तो उन्हें दिखाओ। वो ताल ठोंककर कहते हैं कि किस महिला पहलवान के साथ उन्होंने गलत हरकत की, कब की, कहां की, इसका सबूत कोई भी लाकर देगा, तो वो फांसी पर लटक जाएंगे। जगबीर सिंह ने घटनाओं का विवरण दिया है, बताया है कि बृजभूषण लड़कियों पर हमेशा गलत नजर रखते हैं। हालत ये थी कि फैडरेशन का अध्यक्ष बनने के बाद बृजभूषण ने ये नियम बना दिया था कि लड़कियों की कुश्ती के मामले में उनके मंच के सामने ही असफलता और 2012 के बाद से ऐसा ही हो रहा था। हर कॉम्पटीशन में वो महिला पहलवानों की रेसलिंग मैट अपने स्टेज के सामने ही लगवाते थे। जगबीर सिंह ने एक और खुलासा किया, बताया कि जब भी वो फैडरेशन के अध्यक्ष के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल होने विदेश जाते थे तो उनकी हमेशा यही कोशिश रहती थी कि वो उसी होटल में रुके, जहां महिला पहलवान योग्य हैं। जगबीर सिंह ने बताया कि 2022 में बुलगेरिया में कुश्ती चैंपियनशिप थी, एक दिन सुबह-सुबह पहलवान प्रैक्टिस कर रहे थे, तभी वहां बृजभूषण पहुंचे और महिला पहलवानों को कुश्ती के दांव पर लगा दिया, इस पर दूसरे देशों के संदर्भ ने आसन भी उड़ाया। अब तो पुलिस को एहसास होगा कि देश की चैंपियन बेटियों ने जो आरोप लगाए हैं, उन पर आरोप हैं। अब तो सीधे कह रहा है कि बृजभूषण की पहलवान लड़कियों पर बुरी नजर रहती थी, जब भी मौका मिलता था वो उनके साथ गलत हरकतें करता था। दूसरी बात उस अवयस्क लड़की के बयान को लेकर है जिसकी शिकायत के आधार पर बृजभूषण पर पॉक्सो कानून (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट) लगाया जा सकता है। इस लड़की के बयान को लेकर बार-बार पैदा हो सकता है। पहले उस नाबालिग लड़की को बालिग साबित करने की कोशिश की गई। जब ये नहीं मिला तो उसके बयान बदलने की कोशिश की जा रही है। कभी कहा गया कि उसने जमा वापस ले लिया, कभी कहा कि शिकायत फाइल दर्ज करवाई थी, कभी कहा गया कि वो अपनी शिकायत पर कायम है। इन तमाम बातों से लगता है कि इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि किसी तरह के बृजभूषण पर पॉक्सो कानून न लगाया जा सके और उन्हें गिरफ्तार करने की नौबत नहीं आए। कुल मिलाकर बृजभूषण हर वो चाल चल रहे थे जिससे मामला कमजोर हो गया था, लेकिन रैफरी जगबीर सिंह ने सामने आकर पलट कर दिया। अब लगता है कि और भी गवाह हिम्मत दिखाएंगे, कैमरे के सामने आएंगे, जनता को सच बताएंगे और बृजभूषण के लिए बचना मुश्किल होगा।
योगी ने किया एक तीर से दो शिकार
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शुक्रवार को प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद के व्यवसाय से उभरी जमीन पर 76 फ्लैट रहने वाले लोगों को सुझाव दिया। ये फ्लैट प्रयागराज के लुकरगंज इलाके में बने हैं। इस जगह पर अतीक अहमद ने अपना ऑफिस और घर बना रखा था। करीब दो साल पहले सरकार ने इस जमीन पर कब्जा से मुक्त दावों, अतीक के कार्यालय और घर पर बुलडोजर चलाया और इसके बाद इस जमीन पर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 76 फ्लैट दिए गए। दिसंबर 2021 में योगी आदित्यनाथ ने इन बातों की शिलान्यास किया और महज 15 महीने के रिकॉर्ड समय से ये फ्लैट बनकर तैयार हो गए। 76 मिलने के लिए 6071 लोगों ने आवेदन किया, 1595 लोग इसके लिए उपयुक्त पाए गए। शुक्रवार को सभी फर्जीवाड़ा के सामने लॉटरी से अटकलें लगाई गईं, जिसके बाद 76 लोगों को फ्लैट की चाबियां दी गईं। ये फ्लैट 800 वर्गफीट में बने हैं। फ्लैट को चार ब्लॉक में संपर्क किया गया है। हर ब्लॉक में ग्राउंड प्लस तीन फ्लोर हैं, यहां पार्किंग के लिए भी जगह है। योगं का एक सामुदायिक भवन और कॉमन एरिया बनाया गया है। अधम में बिजली की आपूर्ति के लिए सोलर लाइट फंगिंग सिस्टम। बड़ी बात ये है कि जिन 76 लोगों को शेयर में फ्लैट मिल गया है, उनमें से ज्यादातर ऐसी महिलाएं हैं जो घरों में झाडू लगाती हैं, जूते धोती हैं या खाना बनाने का काम करती हैं। कई महिलाएं निजी स्कूलों में शिक्षक हैं, कुछ मजदूर हैं, ये लोग अब तक झुग्गियों या किराए के मकान में रहते हैं। आठ सौ वर्गफीट के इस फ्लैट की कीमत सिर्फ 6 लाख रूपए है। इनमें से लदान लाख रुपए केंद्र सरकार देगी और एक लाख रुपए ऊपर सरकार देगी। बाकी के करीब तीन लाख रुपए फ्लैट लेने वालों को दिए जाएंगे। पंजीकरण के लोगों से 5 हजार रुपये के लिए गए थे। फ्लैट की चाबी देते हुए 45 हजार रुपए सागर पर कब्जा कर लिया। अगले छह महीने में बाकी के तीन लाख रुपए किश्तों में जाएंगे। आज जब कनेक्शन में नाम खुला तो ज्यादातर महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए, खुशी के कारण वो बोल नहीं पाए। बस इतना कहा कि जो कभी सोचा नहीं था, वो हो गया है। घर मिलने की खुशी क्या होती है, यह जानकर महिलाओं की बातों से समझा जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजैक्ट के जरिए दो काम किए – एक तो घेरे को उनके सपनों का घर दिया, और माफिया माफिया को सरकार की ताकत दिखाई दी। आम लोगों में कानून के इकबाल के प्रति गारंटियों और अपराधियों में कानून का खतरा पैदा हो गया। योगी ने दिखाया कि सरकारी बुलडोजर कैसे दखल को एशियाना की कमाई के लिए जमीन से साफ करता है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बातरजत शर्मा के साथ’ 09 जून, 2023 का पूरा एपिसोड
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