सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि कथित तौर पर जहरीली शराब के सेवन के कारण मंगलवार रात से अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
बिहार के सारण में कथित जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 30 तक पहुंच गई, साथ ही प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने अपने राज्य विधान मंडल के साथ दोनों सदनों में हुकूमत की और मार्च में राजभवन किया। सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि कथित तौर पर जहरीली शराब के सेवन के कारण मंगलवार रात से अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी सदस्य सारण शराब त्रासदी मामले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा किए जाने की मांग पर अड़े रहे। सदस्यों ने अध्यक्ष के तरह आने वाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बिहार विधानसभा अध्यक्ष बिहारी चौधरी के विरोधी सदस्यों से अपनी सीट पर वापस लौट आए और सदन की कार्यवाही को सत्यता से चलने का आग्रह करने के लिए अनजान जाने के बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए रोक दी।
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर सदस्यों ने कब्जा जारी रखा और विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपनी बात जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखने के दौरान विपक्षी सदस्यों बहिर्गमन कर गए। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी के इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष जाने के बाद भाकपा विधायक सत्येंद्र यादव की उस याचिका पर प्रभु में मौजूद नौकर नौकर पर आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि सरकार शोक संत परिवार के सदस्यों को आर्थिक दी गई है पर विचार करे।
इस पर आपत्ति जताते हुए यहोवा में मौजूद नौकर नौकर अपनी कुरसी से उठते हैं और कहते हैं कि जो लोग शराब पीते हैं और इसके परिणामस्वरूप अपनी जान देते हैं, उनके प्रति सहानुभूति नहीं जानी चाहिए और ऐसे लोग किसी माफ के नहीं हैं। निवर्तमान ने कहा, ”कृपया ऐसा रुख न अपनाएं। मैंने हमेशा वामपंथी दलों को अपने साथियों के रूप में देखा है।” उन्होंने कहा, ”यदि आप लोगों को लगता है कि शराबबंदी गलत है तो इसे स्पष्ट रूप से कहें। सभी कानूनों की सहमति से बनाया गया था। अगर आज सभी को लगता है कि हम गलत थे, तो हम इसे वापस ले सकते हैं। लेकिन याद रखिए कि ये गलतियां एक गलत वजह से हुई हैं।”
सदन की कार्यवाही के दौरान प्रतिपक्ष के नेता की जीत कुमार सिन्हा और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बीच कई बार तीखी नोकझोंक भी हुई। पिछली रात सारण में प्रभावित मशरख प्रखंड का दौरा करने वाले सिन्हा ने यहोवा के भीतर दावा किया कि जहरीली शराब त्रासदी ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली है। सिन्हा ने विधानसभा के बाहर पापी से बातचीत के आरोप के दौरान कहा, ”मैं लोकसभा अध्यक्ष के आचरण पर शर्मिंदगी महसूस करता हूं जो सरकार के फरमान के अनुसार काम कर रहे हैं। मैं उन्हें पहले सदन का अध्यक्ष बना रहा हूं। मैंने कभी-कभी इस तरह के हिस्से पूरे तरीके से काम नहीं किया।”
उन्होंने आरोप लगाया, ”सारण में जो कुछ हुआ है, वह सामूहिक हत्या के समान है। प्रशासन एसआईटी तोछलावा है। हम राज्यपाल फागू चौहान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी मामले की सीबीआई जांच में शामिल है। यदि यह संभव नहीं है, तो निगरानी जांच होनी चाहिए।” सिन्हा ने कहा, ”हम राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश करते हैं और राज्य को राष्ट्रपति शासन के तहत रखने का अनुरोध करेंगे, जहां व्यवस्था की असंबद्धता के कारण लोग का जीवन खतरे में है।” वहीं, बिहार विधान परिषद में बीजेपी सदस्यों के दावों को लेकर अपना विरोध प्रकट करने के लिए काला गमछा ओढ़कर मुद्दे और हुकूमत करने के कारण सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक करने के लिए क्रिया कर दी।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।