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मदर्स डे 2023 पर जानिए कैसे आप सिंगल होकर बच्चे को गोद ले सकते हैं

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मां बनना किसी दूसरे रिश्ते से बिल्कुल अलग होता है। यह आपकी आर्थिक, सामाजिक, व्यक्तिपरक और व्यवहारिक समझ की परीक्षा हो सकती है। समय बदलने के साथ अब उन पूर्वाग्रहों में भी बदलाव आ रहा है, जो भाई-बहनों को याद करते थे। लड़कियां अब बाहर निकल कर काम कर रही हैं, आत्मनिर्भर हैं और अपना जजमेंट खुद ले रही हैं। इन छोटी में से सुष्मिता सेन जैसी कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं जो शादी करके मां बनना चाहती हैं। किसी बच्चे को गोद लेना न केवल उनके लिए सहूलियत साबित करता है, बल्कि एक ऐसा बच्चा भी सुखद जीवन दे सकता है जो गुमनाम और अभाव में होता है। अगर आप सिंगल होते हुए भी मां बनना चाहती हैं, तो जानिए भारत में क्या है बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया।


इसमें कोई दो राय नहीं कि आप इस यात्रा में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मगर उससे पहले कानून को जान लेना जरूरी है। जहां आपकी उम्र से लेकर आपके वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से जांच और परखा जाता है। अगर आप सिंगल हैं और एक बच्चा गोद लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातें जाननी चाहिए।

बच्चे को गोद लेने के लिए किन चीजों का होना जरूरी है

इसके बारे में एडवोकेट फिरदौस कुत वानी, बता रहे हैं कि एडॉप्शन के लिए दो एक्ट जरूरी हैं। एक जुनैशन जस्टिस एक्ट और दूसरा एडॉप्शन रेगुलेशन एक्ट 2017 है। जूनाइल एक्ट 2015 के सेक्शन 57 में बच्चे के एडॉप्शन से जुड़ी सभी बातों को बताया गया है।

कोई भी महिला जो विवाहित नहीं है, वह किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है। बस उनकी उम्र 55 साल से कम होनी चाहिए। महिलाएँ किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती हैं। जबकि सिंगल पुरुष लड़कियों को एडाप्ट नहीं कर सकते।

अगर आप किसी बच्चे को गोद लेती हैं, तो मां और बच्चे में 25 साल का अंतर होना जरूरी है। अगर आप 22 साल के हैं, तो आप 4 या 5 साल के बच्चे को गोद नहीं ले सकते। इसके अलावा इमोशनली और फाइनेंशियली हर तरह से आपका स्टेबल होना जरूरी है।


बच्चे को गोद लेना न केवल सिद्ध होता है बल्कि उसका भविष्य को जीवन बनाने की ओर सार्थक कदम है। चित्र: अडोबी स्टॉक

आप एक से अधिक बच्चे को एडॉप्ट कर सकते हैं

किसी महिला ने अगर पहले से किसी बच्चे को गोद लेना किया है और वह दूसरे बच्चे को भी गोद लेना चाहती हैं, तो यह जरूरी है कि उसके पास 4 बच्चे कम होने चाहिए। अगर आपके पास पहले ही 4 बच्चे हैं, तो आप बच्चा गोद नहीं ले सकते। इस रास्ते में अगर कोई बच्चा स्पेशल है या फिर आपका रिलेशन वाला बच्चा है और उसके घर में रखने वाला कोई मौजूद नहीं है या उसे कोई गोद लेने के लिए तैयार नहीं है, तो आप उस बच्चे को एडॉप्ट कर सकते हैं।

एडॉप्शन की प्रक्रिया क्या है

एडवोकेट फ़िदौस बताते हैं कि अकेली माँ सबसे पहले वेबसाइट पर जाकर खुद को रजिस्टर करना। जुड़े सभी दस्तावेज़ों को जाम करना। देश में कई स्पेशलाज्ड एडॉप्शन एजेंसीज़ हैं, उनके नंबर आपके घर में नज़र आ सकते हैं। हर तरह की तफ्ततीश के बाद सभी डाक की जांच की जाएगी। उसके बाद जो बच्चा एडॉप्शन के लिए योग्य हैं, उनका प्रोफाइल आप तक पहुंचेंगे।


बच्चे को गोद लेने के वक्त कुछ बातों का ख्याल अवश्य रखें
बच्चे को आदत डालें कुछ बातों का खास ख्याल रखें। चित्र: अडोबी स्टॉक

एपोपेशन में कितना जहरीलापन होता है

एडॉप्शन कमेटी 20 दिन का समय लेती है, जिसमें इस बात की छानबीन की जाती है कि कौन सा बच्चा किस पेरेंट के साथ सही से रह सकता है। इन सभी चीजों का मिलान किया जाता है। आपके पास 48 घंटे का समय होता है कि आप उसे एक्सेप्ट कर लें। अगर माता-पिता बच्चे को एक्सेप्ट कर लेते हैं, तो कोर्ट के सामने एक पीटीशन फाइल की जाती है। इसमें स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी और पेरेंट दोनों कोर्ट के सामने आते हैं। यह क्रिया एक्सेप्टेंस के 10 दिन के अंदर होती है।

कोर्ट की तरफ से ऑर्डर पास किया जाता है। दो साल तक उस परिवार या मां को फॉलो भी किया जाता है कि वो बच्चे को सही प्रकार से रख पा रहे हैं या नहीं। आप सड़क से जुड़ सकते हैं, या किसी लावारिस बच्चे को बिना सूचना के गोद नहीं ले सकते। अगर आपके रास्ते में कोई बच्चा मिल जाता है, तो आप 1908 पर कॉल करके उसकी सूचना प्रदूषण सुरक्षा एजेंसी तक संदेश भेज सकते हैं।


बच्चा गोद लेने पर भी आप अपनी रिश्तेदारी छोड़ सकते हैं

अगर बच्चा एक साल या उससे छोटा है, तो मैटरनिटी लीव एक्ट 1961 के होश से वर्किंग मदर को 135 दिन की छुट्टी मिलती है। उसी समय इस अधिनियम में संशोधन कर मैटरनिटी बेनिफिट्स अधिनियम 2017 लाया गया। इसके तहत कामकाजी महिलाएं मिलने वाले को 12 हफ्ते की मेटरनिटी लीव को 26 हफ्ते में मैनेज कर दिया गया। इसमें सिर्फ बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं ही शामिल नहीं होती हैं, बल्कि बच्चे को पहली बार गोद लेने वाली महिला को भी ये अधिकार दिया जाता है।

एडॉप्टेड चाइल्ड के साथ अच्छी बॉन्डिंग है जरूरी
बच्चों को अपनाने के अलावा उनके साथ अच्छी बॉन्डिंग भी बहुत जरूरी है। चित्र: अडोबी स्टॉक

बेबी एडॉप्शन नौकरी

इसके अलावा बच्चे को गोद लेने के लिए एजेंसी को लाइसेंस का भुगतान करना पड़ता है। कागज़ात बनने से लेकर एप्लीकेशन देने तक हर जगह एप्लीकेशन है। होम स्टडी एक्सपेंसिस भी देते हैं।

ध्यान रखें

बच्चा गोद लेने से पहले आपको अपने जुड़े हुए रूप में तैयार करना है। एक ऐसा बच्चा आपके घर आ रहा है, जिसकी जरूरतें, आदतें आपके परिवार से बिल्कुल अलग हो सकती हैं। अकेले रहना एक अलग दुनिया है, जबकि बच्चे के साथ आपकी दिनचर्या, रहन-सहन और व्यवहार में काफी कुछ असर हो सकता है।


सबसे जरूरी बात गर्भावस्था में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव नई मां को बच्चे के स्वागत के लिए तैयार करते हैं। आप अपने आप को इन सबके लिए स्वयं तैयार करना है। बच्चे की देखभाल, उसके साथ जोड़ने के लिए आप किताबें पढ़ने या पेशेवरों की मदद लें।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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