
वैज्ञानिक, तकनीकी शब्दों के साथ क्षेत्रीय आकाशगंगा के शब्दकोश प्रकाशित भारतीय सरकार
भारत सरकार: क्षेत्रीय भाषा में अध्ययन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार कई उपाय कर रही है। केवल अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई पर कम हो और प्रादेशिक आकाशगंगा में भी पढ़ाई हो, ताकि नौकरी के लोग भी अपने क्षेत्रीय क्षितिज में पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय शिक्षा मंत्रालय का वैज्ञानिक और तकनीकी साहित्य आयोग ‘सीएसटीटी’ 10 विभिन्न भारतीय क्षेत्रीय आकाशगंगाओं में कम प्रतिनिधित्व वाली तकनीकी और वैज्ञानिक साहित्य विकसित करने के लिए काम कर रहा है।
दरअसल, भारत के संविधान में जो 22 भाषाएं आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। उनमें से अधिकांश तकनीकी तकनीकी और वैज्ञानिक शब्दों की व्याख्या के लिए कानूनी कमी काफी हद तक महसूस होती है। इसी समस्या के कारण बहुत कम अध्ययन सामग्री क्षेत्री आकाशगंगा में उपलब्ध हैं। इसी समस्या को समझने वाली सेंटर सरकार विभिन्न आकाशगंगाओं के अध्ययन के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक ग्रंथ तैयार कर रही है। इनमें संस्कृत, बोडो, संथाली, डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, नेपाली, मणिरी, सिंधी, मैथिली और कोंकणी जैसी भाषाएं शामिल हैं।
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