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एरोपोनिक खेती से हवाई क्षेत्र में आलू उगाने से हवा में आलू की खेती करें का लाभ बढ़ेगा – India Hindi News

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एरोपोनिक खेती: देश में किसानों की संख्या काफी अधिक है। कई किसान आलू की खेती भी करते हैं। यूं तो आम तौर पर आलू जाने वाला खेत में मिट्टी में रोका जाता है, लेकिन एक नई तरह की तकनीक ने आलू की खेती को हाल के समय में बदल दिया है। दरअसल, एक ऐसी तकनीक को ढूंढा गया है, जिसमें हवा में आलू को रोका जा सकता है। इससे न सिर्फ कम जगह की जरूरत होती है, बल्कि मिट्टी की भी ज्यादा जरूरी नहीं लगती। आप सोच रहे होंगे कि वह कौन सी टेक्निक है, जिसके जरिए हम हवा में आलू उगा सकते हैं। इसे एरोपोनिक फार्मिंग कह रहे हैं। इससे किसानों को बंपर कमाई होती है।

भारत में करनाल आलू प्रौद्योगिकी संस्थान और बागवानी विभाग इस तकनीक को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहा है। इस विधि में आलू के सिद्धांतों को नर्सरी में तैयार कर एरोपोनिक यूनिट में रोपित किया जाता है। इसे मिट्टी की ऊपरी परत से बनाया जाता है, जहां पानी और पर्यावरण तत्वों की मदद से आलू उगाए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार एरोपोनिक तकनीक के माध्यम से किसान आसानी से पांच से दस गुना अधिक आलू की पहचान कर सकते हैं। इसमें मिट्टी में खेती करने की तुलना में कम पानी का भी इस्तेमाल होता है।

प्लांटेशन सेक्शन में सबसे पहले नर्सरी आलू के बारे में अधिक सटीक असमंजस तैयार करता है। इसके बाद, फंगस के खतरे को खत्म करने के लिए संयंत्र के रूट बावस्टीन में डूबे हुए हैं। इसके बाद ड्रोन के कब्जे के लिए उभार हुआ यारी का निर्माण किया गया। 10 से 15 दिन पुराने दिखने पर एरोपोनिक यूनिट में रोपने से कम समय में अधिक आलू का उत्पादन होता है। वैसे तो यह तकनीक विभिन्न देशों में काफी लोकप्रिय है, लेकिन भारत में एरोपोनिक खेती का श्रेय आलू प्रौद्योगिकी केंद्र शामगढ़ को जाता है। इस संस्थान ने इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर के साथ करार किया है। इस संस्थान ने भारत में एरोपोनिक खेती को मंजूरी दी है।

जहां पर एरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती की जाती है, वहां पर पानी और अन्य पोषक तत्व के लिए पाइपिक बन जाते हैं। इन जीवित पाइपों के माध्यम से हवा में लटके हुए आलुओं और उनकी जड़ों को पानी मिलता है। इसे बाद में स्थापित किया जाता है। वहीं, इस तकनीक से खेती करने की वजह से मिट्टी में आलू को छिपाने वाले कई लोग नहीं लेते हैं। इससे भी आलू की अधिक संभावना होती है। हालांकि, अभी देश में यह तकनीक बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं है, लेकिन कई किसान इसे अपना रहे हैं। आने वाले समय में एरोपोनिक तकनीक के आलू उगाने वाले किसानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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