
यश जौहर का जन्म अमृतसर में 6 सितंबर 1929 को हुआ था। उनकी परवरिश संबंधी, कुछ समय के लिए लाहौर और फिर दिल्ली में हुई। यश की मुंबई नेया सिर्फ और सिर्फ उनकी दादी की तरह मुमकिन हुई। उनकी दादी हमेशा उनसे कहती थीं कि ‘तू यहां रहने के लिए नहीं बल्कि कुछ अच्छा करने के लिए जन्मा है।’ उन्होंने ही उन्हें घर से भागकर मुंबई आने की सलाह दी। जी हां, दादी ने अपने कुछ गहने और कैश देने वाले पोतों को घर से उपहास किया था। ऐसा करने से हफ्ताभर पहले ही उन्होंने घर में माहौल बना दिया था कि उनके पैसे चोर ले गए हैं। इस तरह चोपड़ा यश मुंबई पहुंचे।
यश जौहर की पहली नौकरी
बात है 50 के दशक की, मुंबई आने के बाद यश जौहर को ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में आउटलुक की नौकरी मिल गई। वह एक दिन फोटोज के मामले में मधुबाला से मिले। एक्ट्रेस को यश जौहर का स्वभाव काफी पसंद आया। वे न केवल फोटोशूट करते हैं बल्कि कंपनी में भी काम करते हैं। इस तरह यश जौहर प्रोडक्शन हाउस में जुड़े कर्मचारी जुड़े। इस दौरान यश जौहर ने शशधर मुखर्जी से लेकर सुनील दत्त के प्रोडक्शन हाउस में भी आकर्षण कंट्रोलर ने काम किया।
देवानंद के साथ यश जौहर ने 12 साल तक काम किया था

60 के दशक में आते-आते यश जौहर को अगली नौकरी देवानंद के प्रोडक्शन हाउस ‘नवनिकेतन फिल्म्स’ में मिली। यहां उन्होंने 12 साल तक नौकरी की। देवानंद से उनके संबंध काफी अच्छे रहे हैं। साथ ही वह इंडस्ट्री के तमाम सितारों से वाकिफ थे। पूरी इंडस्ट्री उन्हें जानने लगी थी और उनके स्वभाव के कारण उन्हें पसंद करते थे।
धर्म प्रोडक्शन की पहली फिल्म फ्रेंडली

साल 1976 में यश जौहर ने करियर में बड़ा कदम उठाया। उन्होंने खुद की कंपनी खरीदी। उन्होंने धर्म उत्पादन की परत बिछाई और इसमें पहली फिल्म ‘दोस्ताना’ बनाई। वही ‘दोस्ताना’, जिसमें अमिताभ बच्चन आ गए थे और जावेद-सलीम ने कहानी लिखी थी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही।
एक भी हिट के लिए लाट उठाओ

मगर इसके बाद वह भी हिट देने के लिए लाैट गए। लगातार 18 साल तक उनकी कंपनी बड़ी हिट देने में नाकामयाब रही। उन्होंने ‘अग्निपथ’, ‘दुनिया’, ‘डुप्लीकेट’ से लेकर ‘गुमारा’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया। मगर उनका उत्पादन हाउस आर्थिक रूप से जकड़ने लगा।
यश जौहर की बहनें

वहीं दूसरी ओर उनकी पर्सनल लाइफ में सब कुछ चल रहा था। इंडस्ट्री में सभी लोगों के साथ उनके परिवार का रिश्ता टूट गया था। एक्ट्रेस साधना और वहीदा रहमान उनकी राखी सिस्टर बन चुकी थीं। इस बीच उनकी जिंदगी में 27 साल की हीरू की एंट्री हुई।
यश जौहर हीरू जौहर की लवस्टोरी

हीरू शुरुआत में एयरहोस्टेज बनना चाहते थे मगर परिवार की अनुमति नहीं मिली तो वह दूसरी नौकरी करने लगी। वह काम के माहौल में रोम भी गए थे। 39 साल के यश जौहर ने पहली बार हीरू को रेसकोर्स में देखा था। बिल्कुल फिल्मी अंदाज में लड़के हीरू से प्यार हो गया था। वह पहली बार में ही उन्हें बैठे हुए देखता है। दोनों के बीच थोड़ी बहुत बातचीत हुई थी। एक बार हीरो के बर्थडे पर उन्होंने एक पार्टी भी रखी थी। वहां सभी सितारे शामिल हुए। वहीं यश हीरू को शादी के लिए प्रपोज किया। इस तरह दोनों की शादी हुई और दोनों का शक हुआ। शादी के एक साल बाद दोनों के घर करण जौहर का हुआ जन्म।
बेटे ने यश जोहर के कामकाज को संभाला

यश जौहर के पेशेवर करियर को संतुलित करने के लिए अमेरिका और फ्रांस से हैंडक्राफ्ट का बिजनेस भी करते थे। ताकि प्रोडक्शन हाउस में होने वाले को सकारात्मक प्रभाव मिले। मगर करण जौहर जब बड़े हो गए और उन्होंने पिता का कामकाज संभाला तो उन्हें काफी मदद मिली। करण जौहर ने लिखी पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’। उन्होंने इसे डायरेक्ट भी किया। सिनेमा में ये जबरदस्त हिट भी हुई।
यश जौहर को हुआ था कैंसर

यश जौहर का कैंसर हो गया था। कुछ ही महीने में उन्होंने इस जंग को लड़ा दिया। मगर साल 2004 में उनका निधन हो गया। निधन के बाद अनिल अंबानी को उनका एक पत्र भेजा गया था। जिसमें काम से लेकर तमाम कारोबार की जरूरी बातें लिखी गई थीं।
खुराफात: एक अनोखा लड़का (करण जौहर की किताब)













