संभल सोलह क्षेत्र से सपा सांसद शफी कुर्रहमान बर्क ने रविवार को पत्रकार से बातचीत में कहा, अरे भाई, इससे ज्यादा मामले स्पष्ट होंगे, सारी दुनिया देखती है, सारा हिंदुस्तान जानता है, खुद को लोग भी जानते हैं, सारा भी जानते हैं, हत्या कैसे हुई, किसने किया, दस्तावेजी एजेंसी में दोनों थे, उनकी जिम्मेदारी थी, इसकी मंशा के साथ ही ना हुआ है, यह इस पर्दा निवेश के लिए अलग इलजाम संबंध पर डाल रहे हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने प्रयागराज में पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या पर उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि यह हत्या उनकी (सरकार) मंशा के बिना है नहीं हुआ और पर्दा डालने के लिए कई सारे आरोप लगा रहे हैं। संभल सोलह क्षेत्र से सपा सांसद शफी कुर्रहमान बर्क ने रविवार को पत्रकार से बातचीत में कहा, अरे भाई, इससे ज्यादा मामले स्पष्ट होंगे, सारी दुनिया देखती है, सारा हिंदुस्तान जानता है, खुद को लोग भी जानते हैं, सारा भी जानते हैं, हत्या कैसे हुई, किसने किया, दस्तावेजी एजेंसी में दोनों थे, उनकी जिम्मेदारी थी, इसकी मंशा के साथ ही ना हुआ है, यह इस पर्दा निवेश के लिए अलग इलजाम संबंध पर डाल रहे हैं।
संभल के चंदौसी में नगर प्रस्ताव परिषद के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दावेदार के सम्मेलन में शामिल होने को शुक्रवार को पहुंचे मंत्री धर्मपाल सिंह ने पापाराजी के अतीक अहमद की हत्या के सवाल पर कहा था कि सच तो यह है कि अतीक की हत्या जारी किए गए काम का ही है, कुछ गंभीर संबंध वाले थे इसलिए संबंधित ने उनकी हत्या की। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, निर्णय की कोई लड़ाई अतीक अहमद से नहीं थी, उनके (सरकार) मुकदमे में था, अदालत उसे या फांसी लगवाती थी, कुछ भी हमें कोई एतराज़ नहीं था, लेकिन इस ज़ख्म को जो मारा गया, बिना किसी चालान के मारा नहीं गया।
बर्क ने यह भी कहा कि जो एक दूसरे पर इस तरह की लापरवाही की पकड़ में हैं, वह गलत है कि कोई स्वीकार नहीं करेगा, वास्तव में अपनी जगह है। अत्याचारी नेता बने माफिया व समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उनके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब पुलिस दोनों का पालन पोषण करने के लिए एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रहा था। तीनों हमलावर भी मीडियाकर्मी आए थे और घटना के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय निगरानी जांच आयोग का गठन किया है।
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