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जानिए क्यों वेपिंग धूम्रपान का स्वस्थ विकल्प नहीं है।- ई सिगरेट या वेपिंग से भी आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है।

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युवाओं के दिनों में वेपिंग का क्रेज बढ़ रहा है। खुद को कूल दिखाने के लिए स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में हर कोई इस्तेमाल कर रहा है। जबकि कुछ लोग निकोटिन मुक्त (निकोटीन मुक्त) मानकर, स्मोकिंग रिलैक्सेशन के लिए उपयोग करते हैं। वास्तव में यह भी एक प्रकार का ई-सिगरेट है। यह उतना ही खतरनाक है जितना बीड़ी, सिगरेट या कोई और तंबाकू उत्पाद। यहां वैज्ञानिक और शोधों के बारे में जानकारी वेपिंग के साइड इफेक्ट (वापिंग के दुष्प्रभाव)

वेपिंग डिवाईस क्या है

यूएस हेल्थ एंड ह्यूमन साइंस की रिपोर्ट के अनुसार वेपिंग डिवाइस को ई.सिगरेट देश भर में पुकारा जाता है। इसे वेप पैन और ईहुक्का के रूप में भी जाना जाता है। बहुत से मिलने वालों में ये पारंपरिक सिगार, सिगार और पाइप की तरह नज़र आते हैं। वहीं कुछ USB मेमोरी के आकार के भी होते हैं। बैटरी की मदद से चार्ज होने वाले डिवाइस में लिक्विस होता है, जो गर्म हवा में उड़ने के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इसे बार बार चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें 8 से 10 सिगरेट के समान कश मौजूद होते हैं।

बहुत से मिलने वालों में ये पारंपरिक सिगार, सिगार और पाइप की तरह नज़र आते हैं। चित्र एडोब स्टॉक

यूएस हेल्थ एंड ह्यूमन साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक वेपिंग से हमारे लंग्स कई तरह के केमिकल की चपेट में आते हैं। वास्तव में, वेपिंग में लिक्विंडिटैक, मारिजुआना, फ्लेवरेंट्स और अन्य रसायन मिल जाते हैं। इस विशेषज्ञ के बारे में वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में तंबाकू अनुसंधान के डॉ थॉमस की निगरानी पर ध्यान देना चाहिए। उनके वेपिंग में मौजूद निकोटीन मीटर के अनुसार सांस के लिए चित्र बनाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से शरीर में कई बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है।

जानिए क्यों आपके लिए वैपिंग का उपयोग ठीक नहीं है

1 गले में खराश

उपयुक्त रिपोर्ट के अनुसार लगातार वेपिंग से गले में प्रविष्टि की शिकायत होने लगती है। दरअसल, कारकों के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला निकोटीन, रेंकलीन ग्लाइकोल, फ्लेवरिंग्स और प्रयोग किए जाने वाले कॉइल्स का भी कारण हो सकता है।

कुछ कॉइल निकल आधारित होते हैं। जो कुछ लोगों के लिए एलर्जी का कारण साबित होते हैं। इसके अलावा हाई निकोटिन भी एक कारण है। इसी के साथ अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक का 50 फीसदी से ज्यादा इस्तेमाल गले में रेटिंग बढ़ाता है।

2 कैंसर का खतरा

वेपिंग से कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है। इससे मुंह में टाॅक्सिक पदार्थ जमा हो जाते हैं। इससे गले के कैंसर और मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सेंटर फॉर डिज़िज़ कंटोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक ई सिगरेट से डेथ रेट का खतरा बढ़ रहा है। आरोप की वजह तो फरवरी 2020 में लंग इंजरी के 2,807 मामले सामने आए। इनमें से 68 लोगों को बचा नहीं जा सका। वैपिंग जानलेवा भी साबित हो सकता है।

3 हृदय रोग का खतरा

NIH के नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या वेपिंग डिवाइस का ज्यादा इस्तेमाल बॉडी के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप सिगरेट और ई सिगरेट दोनों का एक साथ उपयोग कर रहे हैं, तो यह और भी जाखिम कारक हो सकता है। ये आगे चलकर चेस्ट पेन का कारण भी बन सकता है।

वापिंग के नुक्सान
नियमित वेपिंग से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। साथ ही सीने में कलम भी रहती है। चित्र एडोब स्टॉक

चक्कर आना

यदि आप निकोटीन का ज्यादा सेवन कर रहे हैं, तो ये चक्कर आने का एक कारण साबित हो सकता है। अगर आपको बार-बार ये समस्या घिनौनी हो रही है, तो कालांतर में यह ब्रेन हेल्थ को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

5 कैफीन संवेदनशीलता

बहुत से लोग जो वेपिंग करते हैं, वे कॉफी या अन्य कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। वेपोराइज़र का उपयोग करने के शुरुआती दिनों में कैफीन संवेदनशीलता होना एक आम बात है। इसके कारण तनाव और मूड स्विंग का खतरा बना रहता है। कैफीन का सेवन कम करने से ये लक्षण आप दूर हो जाते हैं।

6 खांसी की समस्या

हार्वर्ड शिक्षा के अनुसार अमेरिका में 9 प्रतिशत आबादी और 28 प्रतिशत हाई स्कूल के छात्र ई-सिगरेट का प्रयोग करते हैं। इसके लगातार सेवन से खांसी की समस्या होना एक आम बात है। लंबे समय तक अगर आप खांसी की चपेट में हैं तो इससे आपके लिए टीबी के रोग की संभावना भी बढ़ जाती है।

इससे बचने के लिए इन चीजों का प्रयोग करें

बाज़ार में मिलने वाले इनहेलर्स की मदद से आप ई सिगरेट की लत छोड़ सकते हैं। दरअसल, निकोटिन से मिलने के लिए पैन के आकार के इनहेलर्स को आप डॉक्टर की सलाह से प्रयोग कर सकते हैं।

निकोटिन गम भी एक आसान विकल्प है। अगर आपके अंदर बार-बार ई स्मोकिंग की तलब उठती है, तो निकोटिन गम को चबाकर ताकतवर। ये बाज़ार में कई फलेवर मौजूद हैं।

योग का सहयोग लें। इससे आपका मन एकग्रचित होने लगता है और एकाग्रता बढ़ने लगती है। इसके अलावा स्क्वैट्स और प्लैंक्स की मदद से भी आप अपने दिमाग को रोक सकते हैं।

ई स्मोकिंग के बाद निकोटिन की तीव्र इच्छा होने लगती है। इससे किसी भी प्रकार का रसायनिक पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे आवश्यक तत्व शरीर को मिलते हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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