
दुनिया का पहला एसी आकार में आज के एसी की तुलना में कई उदाहरण बड़ा था।
एयर कंडीशनर का इतिहास: जब गर्मी परेशान करती है तो सबसे पहले एयर टेंशन का ही ध्यान आता है। गर्मी के मौसम में एसी का उपयोग काफी अधिक बढ़ जाता है। घर, कॉलेज और स्कूल हर जगह आपको एसी दिखाई देगा। बाजार में वैरायटी के हिसाब से हर प्राइस रेंज में एयर डायरेक्टिव उपलब्ध हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से इन्हें खरीद सकते हैं। आज जो एसी आसानी से जा सकता है क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का पहला एसी कैसा दिखता होगा।
आपको बता दें कि दुनिया के पहले एसी की कीमत हजारों में नहीं बल्कि मिलियन रुपये में थी। आज हम आपको सब्सक्राइब करेंगे कि दुनिया का पहला एसी कैसा था और यह किस तरह से काम करता है। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिनके एसी बनने का इतिहास आसान होता है। चलिए आपको बताते हैं कि एसी की शुरुआत कैसे हुई और इसका नाम बनाया गया।
1902 में काम शुरू हुआ था
एयर डायरेक्ट का काम कमरे की हवा को ठंडा करना होता है। ट्रेड मार्क में ऐसे एसी भी हैं जो हवा को तो ठंडा करते ही हैं साथ में कमरे में मौजूद हवा को पीने की फाइल भी उपलब्ध हैं। किसी भी एयर डायरेक्ट्री की कार्य क्षमता को ब्रिटिश थर्मल यूनिट में नापा जाता है। दुनिया का पहला एसी का निर्माण विलिस हेवलैंड करियर ने सन 1902 में बनाया था। विलिस प्लांट में काम करते थे। प्लांट में गर्मी की वजह से तस्करी ठीक नहीं हुई थी जिसके बाद उन्हें एसी बनाने का काम आया।
पहले एसी की थी ये कीमत
विलिस हेवलैंड कैरियर ने 1906 में पहली बार एसी के लिए पेटेंट नंबर 808897 लिया था। विलिस हेवलैंड करियर ने जो पहला एसी बनाया था उसका आकार आज की एसी की तुलना में कई गुना बड़ा था। इस एसी में घरों का निर्माण असंभव था। इसे केवल होस्टिंग में ही लगाया गया था। फर्स्ट एसी बनाने के बाद विलिस ने 1915 में एयर ट्रेक्टर और अल्टर वेंटिलेशन नाम से एक कंपनी भी खोली। विलिस ने 1931 में एचएच शुल्त्स और जेक्यू शरमन ने विंडो एसी बनाया था। पहली यूनिट को बिक्री के लिए 1932 में रखा गया था। उस समय इस विंडो एसी की कीमत 1 लाख 20 डॉलर थी।
बता दें कि बाद में 1945 में रॉबर्ड शेरमैन के द्वारा एक छोटा एसी बनाया गया था। इसे पोर्टेबल एसी का नाम दिया गया। यह पहली ऐसी हवा थी जो कमरे को ठंडक के साथ गर्म और अंदर की हवा को पीरिफायर करने का काम करती थी।
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