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शरीर को मुश्किल में डालने वाली समस्या यानी किसी भी व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसका सबसे बड़ा संकेत यह है कि जब आप एंग्जाइटी का सामना कर रहे होते हैं, तो आपको विश्वास संबंधी समस्याएं महसूस होने लगती हैं। दीपिका पादुकोण अंगजाइटी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति पर खुल कर बात करती हैं। उनके अलावा कई सेलेब्स अब इस मानसिक स्वास्थ्य समस्या के समाधान पर जोर दे रहे हैं। अगर आप भी किसी तरह की एंजाइटी का सामना कर रहे हैं, तो उसे छुपाने की वजह से उसे एड्रेस करना और समाधान (चिंता से कैसे छुटकारा पाएं) की ओर बढ़ना जरूरी है। आपकी मदद करने के लिए वीडियो फुटेज यहां है।
ये एंग्जाइटी के सामान्य लक्षण हैं
डॉ दिनेश चंद्र के अनुसार अंगीभूती वास्तव में किसी भी स्थिति या व्यक्ति से आत्मात्मक होने या अत्यधिक संवेदनशील होने की स्थिति है। इसमें घबराहट होना सबसे सामान्य संकेत है। इससे आपको तनाव भी महसूस हो सकता है, किसी काम में ध्यान नहीं लग सकता है, किसी चीज से डर लग सकता है साथ ही बड़ापन भी महसूस हो सकता है। यदि ये लक्षण आपको महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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ज्योतिषी के बारे में क्या कहते हैं जानकार
बांदा के जिला अस्पताल में दस साल से न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ दिनेश चंद्रा कहते हैं, “एंग्जाइटी से परेशान होने की जरूरत नहीं है। उसे समझने और ठीक तरह से डील करने की जरूरत है। हिम्मत और विश्वास पर विश्वास से इस काम में समझौता हो सकता है। डॉ दिनेश अंग्रेजी दूर करने के लिए कुछ टिप्स भी दे रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप खुद को फिट रख सकते हैं।
डॉ चंद्रा एंजिटाइटी से निपटने के कुछ आसान उपाय सुझा रहे हैं, जो आपके लिए भी रोशन हो सकते हैं
1 दबाव या प्रभाव में न के बराबर
डॉ चंद्रा कहते हैं कि अंगजयटी से पीड़ित लोगों के लिए जरूरी है कि झटका भी दबाव न लें। यदि कोई बात बार-बार सोची जाएगी, तो हमारे दिमाग में वह बात कौंध जाएगी। इससे तनाव और काम। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि न तो किसी बात को बार-बार न ही किसी के प्रभाव में बहुत कम। इससे आप अंग पैदा करने वाली स्थिति को बेहतर तरीके से डील कर पाएंगे।
2 काउंटिंग से ठीक होने से दिल का दौरा पड़ सकता है
जो लोग अंग्रेजी की समस्या से परेशान हैं, वे अपने मन में दस तक गिनती करें। इसके अलावा नौ से दस बार श्वासावरोध भरें और छोड़ें। पांच से दस सेकंड रुकें, फिर छोड़ें। इस दिन पांच से छह बार करने से दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है। साथ ही मन को शांत करने में भी आसानी होगी।
3 एरोमोथेरेपी भी ले सकते हैं
एंजाइटी के हमले से पीड़ित लोगों को एरोमोथेरेपी से आराम मिल सकता है। इसे एक दिन में तीन बार छह घंटे का गैप देना चाहिए। इसे गर्मियों की चिकित्सा भी कहा जाता है, इसके उपयोग के लिए परफ्यूम, तेल, मोमबत्ती आदि का प्रयोग किया जाता है। विवेक से मस्तिष्क की सक्रियता हो जाती है, और एंग्जाइटी अटैक से भी राहत मिलती है। यह विशेषज्ञ किसी के द्वारा निर्देशित में ही करें।
4 एंडोर्फिन का खुलासा
एंडोर्फिन हार्मोन शरीर में रक्त के पंपों की तरह होता है। इसके दुरूस्त होने पर मस्तिष्क में सुधार हो सकता है। इसके लिए आप व्यायाम, मोटापे, चलने आदि की मदद कर सकते हैं। ये भौतिक विज्ञान प्राकृतिक रूप से एंड्रोफिन के स्तर को देखते हैं। दिमाग भी अपने काम करने की स्पीड तेज कर देता है जिससे सोचने की छमता बढ़ जाती है। मूड डायवर्ट हो जाता है। सांस की समस्या में भी आराम मिलता है।

5 अपनों से मन साझा करें
अंगाइटी से संचितने का एक और प्रभावशाली तरीका है आपके मन की बात और चिंता किसी के साथ साझा करना। एंजाइटी से पीड़ित होना भी जरूरी है कि आप अकेले न रहें, यह स्वास्थ्य के लिए सबसे घातक हो सकता है। किसी दोस्त, परिवार के व्यक्ति के साथ समय उचित रहेगा। आपके मन में जो भी चल रहा हो उसे जरूर शेयर करें। अगर भीड़ से परेशान हैं, तो छोटे समय में खुद के साथ एक राज़ में। इससे आपको खुद को धोखा देने और सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
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