सजनी बंजारे पति विजय बंजारे ग्राम पंचायत कवौताल, जनपद पंचायत सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ छत्तीसगढ़ निवासी का विवाह विधि वत विजय बंजारे पिता सहसह राम बंजारे के साथ हुंआ था, जोकी दो बच्चों के जन्म होने के बाद सजनी बंजारे को बलपूर्वक घर से बाहर कर दिया।
प्रेसवार्ता में घर से बाहर निकालने का वजह बताया गया कि विजय बंजारे का अफेयर अनेक लड़कीयों के साथ रहता है, इस प्रकार के कृत्य को न करने के लिए मना करने पर जान से मारने का धमकी देते हुए बालों को पकड़ कर मारपीट किया करते हैं बताया गया और अंत में अपने बहन के समान एक ही गोत्र के लड़की सिंगापुर पतेरापाली निवासी को भगा कर ले आया है, जिसमें विजय बंजारे का परिवार का सहमती हैं बताया गया।
संजनी बंजारे एवं विजय बंजारे का वाद सारंगढ़ सिविल न्यायालय में चार साल से लंबित है बताया गया अभी तक किसी प्रकार के कोई सुनवाई नहीं हुआ वर्तमान में विजय बंजारे के द्वारा दूसरे पत्नी लाने पर जो एक ही गोत्र का होने पर कौवाताल पंचायत से न्याय के लिए निवेदन पत्र दिया गया पंचायत द्वारा बैठक कर दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह स्पष्ट किया कि विजय बंजारे ने पत्नी के जिंदा रहते हुए एक ही गोत्र के लड़की को भगा कर लाया है यह बहुत ही गलत कृत्य है पुरे मानव समाज के लिए निंदनीय है, इस दौरान सजनी बंजार बंजारे से पूछा गया कि आप पति के साथ रहना चाहती हों या नहीं तो
जवाब दिया गया कि मैं पति के साथ रहना चाहती हूं, मगर विजय बंजारे ने सजनी बंजारे को साथ रखने के लिए पंचायत के समक्ष इंकार कर दिया, विजय बंजारे के इंकार करने पर सजनी बंजारे ने पति के समस्त सम्पत्ति के साथ साथ पति के नौकरी के वेतन का भी बंटवारा मांगा तों विजय बंजारे ने बंटवारा देने से भी इंकार कर दिया पंचायत के सभी फैसलों को विजय बंजारे ने मानने से इंकार किया, पंचायत ने सजनी बंजारे और उसके बच्चों के भविष्य को देखते हुए यह निर्णय पारित किया कि पति के सम्पत्ति में पत्नी का पुरा अधिकार है सजनी बंजारे को भरण पोषण एवं बच्चों के लालन-पालन के लिए बंटवारा दिया जाए निर्णय पारित किया गया,
प्रेसवार्ता में यह पाया गया कि सजनी बंजारे के साथ साथ उनके बच्चों के साथ भी गलत हुआ एवं विजय बंजारे के द्वारा किया गया कृत्य पुरे मानव समाज के लिए निंदनीय है विजय बंजारे ने गलत किया है , शासन प्रशासन को सजनी बंजारे के समस्त विवादों का संज्ञान लेना चाहिए एवं सजनी बंजारे को उनके हक अधिकार दिलाना चाहिए। प्रेसवार्ता के अंतिम कड़ी में सजनी बंजारे ने रोते हुए शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।