चीन-जापान वार्ता: चीन ने जापान से स्पष्ट कहा है कि वह अमेरिका के बहकावे में नहीं आया और वह ‘खलनायक’ से दूर ही रहा। चीन और जापान के विदेश मंत्री की बैठक में यह नसीहत चीन के विदेश मंत्री ने दी। दरअसल, जापान और अमेरिका क्वाड के साथ ही कई ऐसे संगठन हैं, जिनसे चीन चिपचिपा महसूस करता है। कई बार चीन ने ऐसे संगठनों की भूमिका पर सवाल उठाया है।
इस बीच, चीन के विदेश मंत्री शिन कांग ने रविवार को अपने जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी से आग्रह किया कि वह बीजिंग के खिलाफ अमेरिका द्वारा प्रौद्योगिकी के संबंध में लगाए गए व्यापक समर्थन द्वारा किसी ‘खलनायक’ की मदद ना करें। हिंद प्रशांत को लेकर अमेरिकी रणनीति का समर्थन करने के लिए जापान के खिलाफ चीन की आलोचना के बीच दोनों नेताओं ने यह दुर्लभ बातचीत की। कांग ने हयाशी से कहा, ‘अमेरिका ने जापान के सेमीकंडक्टर उद्योग को लाइसेंस के लिए धांसू देने की रणनीति का इस्तेमाल किया है और अब वह चीन का पुराना हथकंडे दोहरा रहा है।’
हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, कांग ने कहा कि जापन ने कहा कि वह दर्द सहा है और उसे किसी खलनायक की बुराई फैलाने में मदद नहीं करनी चाहिए। प्रतिबंध चीन के आत्मनिर्भरता बनने के दृढ़ संकल्प को और बढ़ावा देगा।’
दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत ऐसी हुई जब जापान ने अमेरिका द्वारा या जाने के बाद कहा कि वह जुलाई से सचिव उपकरण को प्रतिबंधित कर देगा। हिंद प्रशांत रणनीति के लिए जापान के समर्थन के संदर्भ में कांग ने कहा कि दोनों देशों को अवरोधों को दूर करने और आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष से निपटने के लिए गुटबाजी और रोक बहुत ज्यादा नहीं है। चीन अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समूह ‘क्वाड’ का विरोध करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य उसकी आशंका है। कांग ने कहा, ‘शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और मैत्रीपूर्ण सहयोग चीन जापान पुनर्निर्माण के लिए एकमात्र सही विकल्प हैं।’ साल 2019 के बाद से जापानी विदेश मंत्री की चीन की यह पहली यात्रा है। चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर के द्वीपों को लेकर विवाद है। इन द्वीपों पर जापान का नियंत्रण है लेकिन चीन पर भी इसका दावा है।
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