
पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचारों का मेल भी गर्माता जा रहा है। कराची में अल्पसंख्यक हिंदू के जबरन धर्म परिवर्तन और देश में हिंदू लड़कियों और महिलाओं के विवाह की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए समुदाय के कई सदस्यों ने मार्च निकाला।
पाकिस्तान में आर्थिक और खाद्य संकट के बीच अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं। कभी हिंदू को गोली मारी जा रही है तो कभी सिख को। हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म में परिवर्तन और जबरन निकाह के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार के हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इसके साथ ही पाकिस्तान सेना ने जिहादियों की भर्ती का काम भी शुरू कर दिया है। जहां तक पाकिस्तान में खाद्य संकट के गहरे जाने की बात है तो आपको बता दें कि पाकिस्तान के बंदरगाह कराची स्थित एक रमज़ान किसान वितरण केंद्र पर माछी भगदड़ में बच्चों और महिलाओं सहित 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। ऐसे ही दृश्य पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मिल रहे हैं जहां खाने के सामान को हासिल करने के लिए लोग एक दूसरे पर झपट रहे हैं।
पेशावर में सिख व्यवसायी की हत्या
इसके अलावा पाकिस्तान में हिंदूओं की सरेआम हत्या की घटनाएं होती ही रहती हैं अब पेशावर शहर में अज्ञात हमलावरों ने एक सिख व्यवसायी की गोली मार कर हत्या कर दी है। पुलिस ने कहा कि यह घटना शुक्रवार दोपहर तीन बजे हुई जब मोटरसाइकिल पर सवार कुछ लोगों ने पेशावर के इलाके में इलाके में एक व्यापारी दयाल सिंह पर गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा कि शिकार को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। पुलिस ने विवरण से 30 बोर के कारतूस बरामद किए हैं। ऐसा करने के एक दिन बाद अज्ञात हमलावरों द्वारा एक हिंदू डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून’अख़बार की खबर के अनुसार, पिछले हफ्ते सिंध प्रांत में “रमजान मर्ज़ी का कथित रूप से उल्लंघन करने” के लिए अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दुकानदारों पर हमला किया गया था। हम आपको बताते हैं कि पेशावर में लगभग 15,000 सिक्ख रहते हैं। इनमें से ज्यादातर प्रांतीय राजधानी पेशावर के जोगन शाह में रहते हैं। पेशावर में सिख समुदाय के ज्यादातर सदस्य कारोबार करते हैं, जबकि कुछ दवा की दुकान चलाते हैं। पिछले साल सितंबर में पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक प्रसिद्ध सिख ‘हकीम’ (यूनानी चिकित्सक) के क्लिनिक के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान में हिंदू बढ़ रहे हैं अत्याचार
दूसरी ओर, हिंदुओं पर अत्याचारों का मेल भी गर्माता जा रहा है। कराची में अल्पसंख्यक हिंदू के जबरन धर्म परिवर्तन और देश में हिंदू लड़कियों और महिलाओं के विवाह की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए समुदाय के कई सदस्यों ने मार्च निकाला। हिंदू संगठन ‘पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद’ (पीड़ित) ने कराची प्रेस क्लब के बाहर और सिंध विधानसभा भवन के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। पीडलेट के एक सदस्य ने कहा, ”हम विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सिंधी हिंदू की इस समस्या पर ध्यान आकर्षित करना चाहते थे, जहां 12-13 साल की लड़कियों का दिन-दिहाड़े अपहरण कर लेते हैं, उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया जाता है किया जाता है और फिर किसी अधिक उम्र के मुस्लिम से उनका विवाह करा दिया जाता है।” उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन का कुछ प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि बहुत से लोगों को इस अपराध के बारे में जानकारी भी नहीं थी। बहरहाल, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस प्रदर्शन में और अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी।
प्रदर्शनकारी तख्तियां और बैनर लिए गए थे, जिन सरकारी हिंदू लड़कियों और महिलाओं के धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए उन्हें पास करने का आग्रह किया गया था। हम आपको यह भी बताते हैं कि सिंध प्रांत के विभिन्न जठराग्नि में हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला 2019 में सिंध विधानसभा में उठा था। इससे संबंधित एक प्रस्ताव पर बहस हुई थी और विधानसभा के कुछ सदस्यों ने कहा था कि इसे केवल हिंदू लड़कियों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, जिसके बाद संशोधन करके इसकी संविधियों को पारित कर दिया गया था, लेकिन जबरन धर्मांतरण को अपराध बन्धन वाले को बाद में विधानसभा में खारिज कर दिया गया था। इसी तरह का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन 2021 में इसे खारिज कर दिया गया। इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र के कम से कम 12 मानवाधिकार दावेदारों ने पाकिस्तान में कम उम्र की लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी। पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1,000 लड़कियों का जबरन धर्म लिपिकीय लेखा-निर्धारण किया जाता है। जहां तक पाकिस्तान में हिंदू आबादी की बात है तो एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं।
पोओके में चल रही जिहादी भर्ती
दूसरी ओर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोग असंतोष के बीच बढ़ते जा रहे हैं, पाकिस्तानी सेना ने स्थानीय निवासियों पर अत्याचार करने के लिए अपनी “जिहादी भर्ती” शुरू की है। विशेष रूप से पर्यावरणीय और खराब आर्थिक स्थिति और क्षेत्र के साथ सरकारी भेदभाव के कारण पाकिस्तान सरकार की स्थिति बहुत खराब हो रही है। यही नहीं, हाल के दिनों में पोओके में मोदी-मोदी के नारे लगे हैं और भारत के साथ विलय की मांग दी है। इसी के चलते स्थानीय लोगों पर पाकिस्तान सरकार के शाह पर हमले करवाये जाते हैं जिसके लिए जिहादियों की भर्ती की जा रही है। इस संबंध में पोके के कार्यकर्ता डॉ. अमजद औब मिर्जा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान पोयोके के स्थानीय लोगों पर हमले के अलावा भारत के खिलाफ ‘जिहाद’ में शामिल होने के लिए युवाओं की भर्ती हो रही है। पाक की नापाक साजिश का पर्दाफाश करने के अलावा उन्होंने कहा कि पाक की मां को भारत के साथ विलय किया जाना चाहिए।



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