2019 में एक विशेष अदालत ने चार लोगों को दोषी ठहराते हुए पांचवें पांचवें शाहबाज हुसैन को भारी कर दिया था। शाहबाज की ओर से पेश अधिवक्ता अखिल न्यायालय चौधरी ने कहा कि गुरुवार को उच्च न्यायालय ने विशेष न्यायालय द्वारा 2019 में हुसैन को बार-बार बरकरार रखा।
राजस्थान हाई कोर्ट ने 2008 के जयपुर बम धमाकों को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने फांसी की सजा पाने वाले चार लोगों को भारी कर दिया। 2019 में चारो को मौत की सजा सुनाई गई थी। 2008 में जयपुर बम विस्फोट में 71 लोग मारे गए थे और 185 अन्य घायल हो गए थे। कोर्ट ने आज मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर, सैफुर रहमान और मोहम्मद सलमान को बहुत कर दिया। 2019 में तीनों को मौत की सजा सुनाई गई थी। गुरुवार को जस्टिस पंकज भंडारी समीर जैन की खंडपीठ ने फैसला सुनाया। अली ने कहा कि कोर्ट ने राज्य पुलिस से भी ‘अक्षम’ जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इससे पहले 2019 में एक विशेष अदालत ने चार लोगों को दोषी ठहराते हुए पांचवें पांचवें शाहबाज हुसैन को भारी कर दिया था। शाहबाज की ओर से पेश अधिवक्ता अखिल न्यायालय चौधरी ने कहा कि गुरुवार को उच्च न्यायालय ने विशेष न्यायालय द्वारा 2019 में हुसैन को बार-बार बरकरार रखा।
चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत में शाहबाज द्वारा दायर याचिकाओं पर अपील की थी। राज्य सरकार की अपील को आज उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया, जिसने शाहबाज के पक्ष में फैसला सुनाया। घटिया पंकज भंडारी और अपराध समीर जैन की खंडपीठ ने बुधवार को चारों ओर को भारी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में पांच व्यक्तियों- शाहबाज हुसैन द्वारा दायर मुकदमे की भी पुष्टि की।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 की शाम लगभग सवा बजे 15 मिनट में इसी तरह आठ बम धमाके हुए थे। लगभग 11 साल पहले इन आठ संभावित बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर में कोहराम मचा दिया था। इन धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे। पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर हुआ था। इसके बाद बड़ा चौपड़, जोहरी बाजार, छोटा चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे। धमाके के बाद राज्य सरकार की शाखाओं में उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालती मुकदमा दायर किया था।