
मुंबई: अमरीश पुरी (अमरीश पुरी) भले ही दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपने शानदार अभिनय की वजह से सिनेप्रेमियों के पंखों में भी आज भी जिंदा हैं। अमरीश एक ऐसे अभिनेता थे, जिन्हें पर्दे पर देख दर्शक खतरे से भर गए थे। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ने ज्यादातर फिल्मों में विलेन का रोल किया फिर भी उन्हें बेशुमार प्यार मिला। कम लोग ही जानते होंगे कि ‘मोगैम्बो’ के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता अमरीश ने अभिनय के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। किसे पता था, एक्टर का ये फैसला उन्हें देश ही नहीं दुनिया भर में मशहूर कर देगा।
अमरीश प्रसिद्ध शिंगर और भारतीय सिनेमा के पायनियर अभिनेता के एल सहगल के कजिन थे। वे अमरीश के बड़े भाई चमन पुरी, मदन पुरी फिल्मों में किस्मत से आज मुंबई आए थे, उन्हें चरित्र अभिनेता के रुप में काम मिला। अमरीश भी 1950 के दशक में किस्मत से आज मुंबई आए, लेकिन पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए, हालांकि उन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम में नौकरी मिल गई। फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले अमरीश पुरी ने करीब 21 साल तक कर्मचारी बीमा निगम में सही क्लर्कों ने काम किया। अभिनय के शौक को थिएटर में पूरा करें। सत्यदेव दुबे के लिखे नाटकों में पृथ्वी थिएटर में काम करने लगे। लंबे संघर्ष के बाद समझौते से अमरीश की एक्टिंग को पहचान मिली और 40 साल की उम्र में फिल्मों में एंट्री ली.
अमरीश पुरी हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने विलेन बनकर पूरी हिंदी फिल्म में राज किया। (फोटो साभारः इंस्टाग्रामः @namratapuribespoke)
भारी-भरकम आवाज से स्क्रीन पर छा जाते थे अमरीश पुरी
साल 1971 में आई फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में अमरीश पुरी ने अपनी एक्टिंग का जादू दिखाया, खूब वाही लूटी। भारी भरकम आवाज में पर्दे पर जब अमरीश ने गरजना शुरू किया तो देखते ही देखते इंडस्ट्री के मशहूर विलेन बन गए। अमरीश पुरी ने एक से बढ़कर फिल्मों में काम कर अपनी एक अलग पहचान बनाई लेकिन ‘मिस्टर इंडिया’ में ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ वाला डायलॉग लोगों के जेहन में ऐसा बस गया कि इसी नाम से एक्टर मशहूर हो गए। कहते हैं कि इस फिल्म की पॉप्युलैरिटी ने उनका लाइसेंस में भी काम किया और अमर इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर लेने वाले एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो गए। कई बार तो अमरीश की नौकरी फिल्म के हीरो से अधिक होती थी। अमरीश पुरी ने करीब 40 साल के एक्टिंग करियर में 450 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
बेटे से नहीं बनने दिया
खुद को अमरीश पुरी ने नाम-दाम दोनों कमाए लेकिन अपने बेटे राजीव पुरी को फिल्म इंडस्ट्री में नहीं आने दिया। इसके पीछे एक कारण यही था कि वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी कई सालों तक संघर्ष करता रहे। अमरीश पुरी के बेटे राजीव ने ‘बीबीसी’ को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ‘उस दौर में बॉलीवुड के हालात ठीक नहीं थे, इसलिए पापा ने मुझसे कहा कि यहां मत जाओ और जो अच्छा लगता है वो करो। तब मैं मर्चेंट नेवी जॉइन कर ली’।

अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। (फोटो साभार: वर्धनपुरी02/इंस्टाग्राम)
बता दें कि अमरीश पुरी के बेटे भले ही इंडस्ट्री से दूर हों लेकिन दादा-दादी पूरी बॉलीवुड का हिस्सा बन गए हैं। ‘इश्कजादे’, ‘शुद्ध विदेशी रोमांस’ में संबद्ध संबद्ध निदेशक काम करता है।
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पहले प्रकाशित : 29 मार्च, 2023, 11:55 IST



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