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जानिए बच्चे के स्वास्थ्य के लिए प्रसवोत्तर सलाह से कैसे निपटें।- जन्म के बाद क्या है आपके लिए और आपके बच्चे के लिए सही सलाह।

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मां बनना एक सुखद एहसास है। अपने बच्चे को जी-जान से अधिक चाहने वाली मां उसे स्वस्थ रखने के लिए हर उपाय को आज लेना चाहती है। सगे-संबंधी और मित्र भी मां के सामने बच्चे के सही सोने-सचेत होने के लिए सलाहों की झड़ी लगा देते हैं। बच्चे के जन्म देने के बाद मां (प्रसवोत्तर मां) खुद कई तरह की शारीरिक और मानसिक मैक्रोस्कोरिंग से रहती है। ऐसी स्थिति में उनके लिए लोगों के सभी सलाह को महसूस करने वाला कठोर महसूस करता है। वह एक अपराध बोध से भर जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि कोई महिला पोस्टपार्टम एडवाइस से बोली है, तो उसे कुछ उपायों पर ध्यान देना चाहिए। प्रसिद्ध गायक संगीतकार और ऑब्स्टेट्रिशियन डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस बारे में बता रही हैं।

जन्मतिथि के बाद तनाव और अवसाद में आने की संभावना (पोस्टपार्टम स्ट्रेस)

डॉ. रिद्धिमा शेट्टी कहती हैं, ‘मैं बहुत सी नई साल को अपराधबोध से पकड़े हुए रखती हूं। क्योंकि वे पूरी तरह से तनावग्रस्त महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में कई लोग सलाह देने पर भारी पड़ जाते हैं। इससे वे जन्म के बाद तनाव और अवसाद में भी आ सकते हैं। वास्तव में ज्यादातर मामलों में अवसाद नवजात शिशु की देखभाल करते समय या छायांकित महसूस करने से होता है।

यहां हैं नई मां को सबसे ज्यादा दी जाने वाली सलाह और बातचीत के तरीके (कैसे डील करें पोस्टपार्टम सलाह)

स्तनपान कराने वाली सलाह (स्तनपान सलाह)

नई मां को सबसे अधिक सलाह दी जाती है कि बच्चे को स्तनपान कराया जाए। स्तनपान करने वाले बच्चे के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन कुछ महिलाएं शारीरिक कारणों से बच्चे विशेष रूप से स्तनपान कराने में असमर्थ हैं। यदि आपके साथ ऐसा है, तो स्तनपान से प्रभावित न होने पर अपनी शारीरिक, मानसिक या भावनाओं को प्रभावित नहीं करते।

नस्तनपान न अनुरोध की असम्बद्धता को अपनी शारीरिक, मानसिक या भावनाओं को प्रभावित नहीं करता। चित्र: एक्सपोजर

इस बात को मन में बिठाएं कि स्तनपान नहीं कराने के बावजूद आपका बच्चा जीवित रहेगा और स्वस्थ जीवन प्राप्त करेगा।

बच्चे के लिए क्या करें और क्या नहीं करें (क्या करें और क्या न करें)

जन्मतिथि के बाद आपको यह सलाह मिल सकती है कि बच्चे को ठंड से दूर रखने के लिए आप अपना रोज नहींहायें। रोज़ अपने बाल नहीं चाहते। घर से बाहर नहीं निकलते। बच्चे को कपड़े में कई तह लपेट कर रखें। ये सभी सलाह ठीक है या नहीं, खुद की जांच करें। बहुत अधिक सोच-विचार नहीं करें। डॉक्टर से कंसल्ट कर लें। चूंकि बच्चे को जन्म देने की तैयारी आपने काफी पहले शुरू कर दिया जाएगा

इसलिए अब तक आप ज्यादातर जानकारियों से परेशान होंगे। ऐसी स्थिति में आप यह भली तरह देखते हैं कि आपके बच्चे के लिए क्या सही और क्या गलत है। नई मां को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे को एक असहाय मां की जरूरत नहीं है अवसाद ग्रस्त और बीमार माँ

खान-पान की सलाह (आहार के लिए सलाह)

मां बनने के बाद जो सलाह अधिक मिलती है, वह खान-पान संबंधी सलाह है। फलां सामग्री से दूध बढ़ रहा है। फलां चीज ब्रेस्ट मिल्क को घटाती है। घी खाना सेहत के लिए फायदेमंद या नहीं। फिर नई मां को खाने-पीने के सामान की एक लिस्ट दी जाती है।

नए मां की उल्टी-सीधी सलाहकार की बजाय डॉक्टर की सलाह। चित्र : संपर्क शेयर

नई मां को इस सोच में पड़ना पड़ता है कि वह किससे फॉलो करें और किससे नहीं। कभी-कभी इन सलाहों के कारण भी वह तनाव और अवसाद की शिकार हो जाती है। यहां भी यही बात की सलाह दी जाती है कि अपनी पसंद का ताकतवर। डॉक्टर भी कहते हैं कि ज्यादा तेल-मसाले या घी में तैयार भोजन सेहत के लिए नुकसान पहुंचाता है। इसलिए नहीं। लोगों की उल्टी-सीधी सलाहकार की बजाय डॉक्टर की सलाह।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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