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‘टीबी के खिलाफ जनभागीदारी सबसे अहम’, पीएम मोदी बोले- 2025 तक इसे खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रही सरकार

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी चुनता है। मुझे विश्वास है, टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारा वैश्विक संकल्प काशी को एक नई ऊर्जा देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने दफ्तर के दौरे पर वाराणसी के दौरे पर हैं। उन्होंने टीबी-मुक्त पंचायत की शुरुआत सहित विभिन्न पहलों की शुरुआत की जिसमें संक्षिप्तीकरण टीबी निवारक उपचार (टीपीटी) का आधिकारिक अखिल भारतीय रोलआउट; टीबी के लिए परिवार केंद्रित देखभाल मॉडल और वाराणसी में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 जारी करना शामिल है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में टीबी को समाप्त करने की दिशा में चयनित राज्यों/केंद्रीकृत प्रदेशों और विशिष्ट पुरस्कारों को वितरित किया। वहीं, अपने एक रिश्तेदार से मोदी ने कहा कि मेरे लिए ये बहुत खुशी की बात है कि ‘वन वर्ल्ड टीबी स्मिट’ काशी में हो रही है। संकल्प से मैं काशी का सांसद भी हूं। काशी नगरी धरना धरा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयास और परिश्रम की साक्षी रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी चुनता है। मुझे विश्वास है, टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारा वैश्विक संकल्प काशी को एक नई ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ यानी- पूरी दुनिया एक परिवार है की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि दे रहा है,एकीकृत समाधान दे रहा है। इसलिए ही राष्ट्रपति के तौर पर भारत ने G-20 सम्मेलन की भी थीम रखी है- ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’! ये थीम एक परिवार के रूप में संपूर्ण विश्व के साझा भविष्य का संकल्प है।

मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो प्रत्यक्ष वैकल्पिक है। भारत के ये प्रयास पूरी दुनिया को इसलिए भी जानना चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में कई मोर्चों पर एक साथ काम किया है। जैसे, जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीकी का भरपूर उपयोग और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, फ़्रीक्वेंसी इंडिया और योग जैसे अभियान। उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- जनभागीदारी, जनभागीदारी। हमने टीबी मुक्त भारत के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से ‘निक्षय मित्र’ बनने का आह्वान किया था।

मोदी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी टीबी मरीज के इलाज से छूट नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया है। टीबी के खातों की दस्तावेजों के लिए, उनके दस्तावेजों के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। टीबी की मुफ्त जांच के लिए छोटे-छोटे आयामों में लैब्स की संख्या का विस्तार है। उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र ने सबसे पहले टीबी की चुनौती से लड़ने में बहुत मदद की है। चुनौतीपूर्ण टीबी सदस्य के पोषण, टीबी के सदस्य के पोषण की हो रही है। इसका ध्यान रखते हुए हमने 2018 में टीबी ग्राहकों के लिए सीधे लाभ आवंटन की घोषणा की थी।

 


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