
एमपी समाचार: मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से शराब के अहाते बंद होने जा रहे हैं। इसके बाद यदि कोई व्यक्ति सड़क या सार्वजनिक स्थान पर अस्थायी रूप से (शराब पीता है) करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला किसी ने नहीं बल्कि मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने किया है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।
प्रदेश में तीन हजार से अधिक हैं
मध्य प्रदेश में 31 मार्च तक शराब के अहाते बने रहेंगे। एमपी के इतिहास में पहली बार एक अप्रैल से शराब के अहाते बंद होने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में तीन हजार से अधिक शराबें आती हैं, जो अब हमेशा के लिए वीरान हो जाएंगी। शराब के शौकीनों के लिए अब घर या बार बस दो ही ऐसे स्थान रहेंगे, जहां पर वे वैकल्पिक कर सकते हैं। इन दोनों जगहों के अलावा अगर कोई शराब पार्टी करने की कोशिश करता है तो शिवराज सरकार की पुलिस डंडे से उसका स्वागत करती है।
सीएम ने उज्जैन में किया ऐलान
शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में नववर्ष के अवसर पर मंच से घोषणा की कि शिवराज सरकार आगे भी शराब और नशामुक्ति के लिए लगातार अभियान चलाती रहेगी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से सरकार शराब के अहाते बंद करने जा रही है। इसके बाद यदि वे नशे में सड़क पर शराब पीते हुए दिखाई दें तो वे डंडे खाएंगे। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई अलग से होगी। लिस्टिंग ने शब्दों में कहा कि जो नियम बनाए गए हैं, उनकी सख्ती से अनुपालन जारी रहेगा और नियम सभी के लिए समान रहेंगे।
पागल नशा करने वालों को कराहना जाग्रत हो जाता है
शराब के लिए कम कीमत चुकाने वाले लोग धूम्रपान करते थे। लेकिन, अब अहाते बंद होने के बाद शराब के शौकीनों को बीयर बार में और राशि बता दी गई। सरकार का यह बड़ा कदम भी लोगों को शराब से दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। आम तौर पर शराब की रसोई का बजट भी अधूरा होता है। गरीब लोग दिन भर की मेहनत की कमाई को शराब की दुकान पर उड़ा देते हैं। अहाते बंद करना मध्य प्रदेश में शराबबंदी की ओर बड़ा कदम भी बताया जा रहा है।
महिला वोट बैंक का आकर्षण बढ़ा है
प्रदेश में शराबबंदी लेकर पूर्व सर उमा भारती लगातार आंदोलन कर रही थीं। इसी कड़ी में सरकार ने अहाते बंद कर पूर्व के आंदोलन को सफल करने की दिशा में कदम उठाया है। यह भी माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की महिला वोट बैंक का आकर्षण अहाते बंद होने के बाद बढ़ जाएगा। सरकार ने इस बार लाडली सिस्टर योजना के जरिए भी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है। लेकिन, सरकार की नई आबकारी नीति भी गांव गांव के लोगों के बीच शराबबंदी को लेकर उठाए गए कदम का हिस्सा मानकर चर्चा का विषय बनी हुई है।
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