
करीब 2,000 पत्रकारों ने बुधवार को यहां भारतीय मिशन के आउटकर खालिस्तान के झंडे लहराते हुए प्रदर्शन किया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था एवं अवरोधकों के बीच लक्ष्यों को फेंका और नारेबाजी की।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली ने कहा कि उनकी सरकार सहयोगी सहयोगी सहयोगी हिंसक कृत्यों के बाद यहां भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा करती है। करीब 2,000 पत्रकारों ने बुधवार को यहां भारतीय मिशन के आउटकर खालिस्तान के झंडे लहराते हुए प्रदर्शन किया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था एवं अवरोधकों के बीच लक्ष्यों को फेंका और नारेबाजी की। ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों से प्रदर्शनकारी सहित महिलाएं, बच्चे और पगड़ी पुरुष पहुंचे और उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।
विदेश मंत्री क्लीवरली ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि ब्रिटेन की सरकार ऐसे मामलों को ग्रेविटास से रखती है और मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ मिलकर प्रतिक्रियाओं का सख्ती से जवाब देगी। पहले ही की जा चुकी कार्रवाई के संकेत के रूप में, मंत्री ने बुधवार को इंडिया हाउस में सुरक्षा की सुरक्षा के लिए एक सुनियोजित प्रदर्शन के लिए एक सुनियोजित प्रदर्शन के लिए उपायों का हवाला दिया, जिसमें कई पुलिस अधिकारी इमारत के बाहर खड़े रहे, साथ ही कई घुड़सवार अधिकारी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे कर रहे थे और हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही थी।
क्लीवरली ने कहा, ”लंदन में भारतीय उच्चायोग में कर्मचारियों के खिलाफ हिंसक कृत्य करने का आरोप है और मैंने उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।” उन्होंने कहा कि पुलिस जांच जारी है और सरकार लंदन में भारतीय उच्चायोग तथा नई दिल्ली में भारत सरकार के साथ संपर्क में है। क्लीवरली ने कहा, ”हम भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा के लिए मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ काम कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बदलाव करेंगे क्योंकि हमने आज के प्रदर्शन के लिए किया।”
उन्होंने कहा, ”हम उच्चायोग और ब्रिटेन स्थित सभी विदेशी मिशनों में सुरक्षा को हमेशा भारी ग्रेटाइट्स के साथ भेजेंगे और इस तरह की घटनाओं को रोकेंगे और पुरजोर तरीके से जवाब देंगे।” मंत्री ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के ”फलते- फूलते”संबंध दोनों देशों के बीच गहरे व्यक्तिगत संबंधों से प्रेरित हैं। क्लीवरली ने कहा, ”हमारा संयुक्त 2030 रोड अनुबंध हमने साझेदारी को निर्देशित किया है और दिखाता है कि हम मिलकर काम करते हैं तो क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। हम दोनों देशों के लिए नया बाजार और रोजगार की रचना कर सकते हैं और साझा शेयर से समाधान में मदद कर सकते हैं। हम भविष्य के लिए ब्रिटेन और भारत के बीच गहन संबंध बनाना चाहते हैं।”
लंदन में भारतीय मिशन में पर्याप्त सुरक्षा समाधान नहीं होने पर भारत सरकार के सख्त विरोध के बाद यह बयान आया है। रविवार को हिंसक गतिविधियों के बाद से भारतीय उच्चयोग के आसपास मेट्रोपोलिटन पुलिस की मौजूदगी पाई जाती है। इस बीच भारतीय उच्चायुक्त दुर्ईस्वामी ने अलगाववादी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ कार्रवाई की कार्रवाई के संबंध में पंजाब की घटनाओं को लेकर जारी दुष्प्रचार का रेडियो पर खंडन किया। उन्होंने ब्रिटिश पंजाबियों से कहा कि सोशल मीडिया पर ‘सनसनीखेज’ का खुलासा किया जा रहा है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि नई दिल्ली में पुलिस ने ब्रिटिश उच्चाधिकारी को तुरंत हटा दिया, जो आने जाने वालों के लिए अवरोध पैदा कर रहे थे। हालांकि, राजनयिक मिशन की सुरक्षा अचूर्ण है।
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