अंकिता भंडारी मामला: उत्तराखंड पुलिस ने खाता विक्रेता हत्याकांड में प्रदेश भाजपा के एक पूर्व नेता के बेटे सहित तीन बंधुओं के खिलाफ कोटद्वार कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से तैयार 500 चालाकी के आरोप-पत्र में 97 लोगों के गवाह बनाए गए हैं। सौरभ भास्कर, अंकित गुप्ता और पुलकित आर्य पर हत्या समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पुलकित राज्य के एक पूर्व बीजेपी नेता का बेटा और पौड़ी जिले में एक एजेंसी चलाता है, जहां 19 साल पुराना खाता विक्रेता काम करता है। दोषी के खिलाफ अपराध के सबूत को गलत करने की सूचना देने, आपराधिक आरोप लगाने और यौन उत्पीड़न से संबंधित आईपीसी की विभिन्न धाराओं और दायर व्यापार रोकथाम अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
बैंकर को चिल्लाकर नहर में फेंक दिया गया
सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने कहा कि सोमवार को जज मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) भावना पांडेय की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। ऋषिकेश के पास पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में इलाके में वनतरा रिजॉर्ट में स्पॉट रिसीविस्ट काम करने वाले स्टोर करने वाले को पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों- सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता की मिलीभगत से इस साल सितंबर में कथित तौर पर नहर में दिया था।
प्रतिष्ठा को अतिरिक्त सेवा प्रदान करने से मना किया गया था
पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि एक अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) को अतिरिक्त सेवा प्रदान करने से इनकार करने के कारण भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले राज्य के पुलिस प्रवक्ता और अतिरिक्त पुलिस अनुमान (अपराध और कानून व्यवस्था) वी मुरुगेसन ने कहा था कि पुलिस के पास फर्जीवाड़े के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिसमें स्टोररी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अपराध स्थल से बरामदा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का एफएसएल परीक्षण शामिल है।
हत्या को लेकर पब्लिक के राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है।