
UNITED NEWS OF ASIA. वाशिंगटन। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर को आखिरकार 9 महीने बाद स्पेस से वापसी का रास्ता मिल गया है। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन शनिवार को करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक डॉक कर चुका है। भारतीय समयानुसार 16 मार्च सुबह 9:40 बजे स्पेसक्राफ्ट ने डॉकिंग की और 11:05 बजे हैच ओपन हुआ। अब यह स्पेसक्राफ्ट सुनीता और विलमोर को 19 मार्च को धरती पर वापस लाएगा।

9 महीने से फंसे थे सुनीता और विलमोर
सुनीता और विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट मिशन के तहत क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गए थे। इस मिशन के तहत 5 जून 2024 को एटलस V रॉकेट से बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च हुआ था। सुनीता इस मिशन की पायलट थीं, जबकि विलमोर कमांडर थे। उन्हें सिर्फ 8 दिन के लिए ISS पर रहना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में थ्रस्टर फेल होने और हीलियम लीक जैसी तकनीकी खामियों के चलते वे 9 महीने तक स्पेस में फंसे रह गए।

ड्रैगन मिशन: स्पेस से वापसी की उम्मीद
स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट फॉल्कन 9 रॉकेट के जरिए भारतीय समयानुसार 16 मार्च सुबह 4:30 बजे केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था। इसमें शामिल क्रू-10 टीम ने सफलतापूर्वक ISS पर डॉकिंग कर ली है। अब सुनीता और विलमोर के साथ-साथ क्रू-9 टीम के अन्य एस्ट्रोनॉट्स निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे।
मिशन क्यों हुआ फेल?
- स्टारलाइनर के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में बार-बार खराबी आ रही थी।
- लॉन्च के बाद ही स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक की समस्या सामने आई।
- 25 दिनों में कैप्सूल में 5 बार हीलियम लीक हुआ।
- 5 थ्रस्टर काम करना बंद कर चुके थे।
- एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं हो सका।

सुनीता और विलमोर की सुरक्षित वापसी की तैयारी
स्पेसक्राफ्ट की खामियों के चलते NASA ने मिशन की वापसी को कई बार टाल दिया था। अब स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट दोनों एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित वापस लाने के लिए तैयार है। सुनीता और विलमोर की यह वापसी अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
सुनीता विलियम्स के सुरक्षित लौटने का पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है।













