ऐसी ही एक फिल्म आ रही है, जिसमें कमाई को लेकर इस बात का यकीन हो जाता है कि मरने के बाद 72 कुंवारी लड़कियां जन्नत में उनकी सेवा में हाज़िर रंगींगी। ऐसे में यह आतंकवादी मरने के बाद 72 हूरें के साथ अय्याशी के सपने देखते हैं और उनकी लालच में आतंकवाद की क्रूर घटनाओं को अंजाम देने से नहीं चूकते।
’72 हूरें’ की कहानी
मगर इनसे इस बात का कतई अंदाज नहीं होता है कि 72 हूरों का दिखाया गया सपना वास्तव में एक सपना ही है, जिसे कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता है। वे नहीं जानते कि जिहाद के नाम पर उनका अंजाम भी बहुत बुरा होगा और उन्हें ऐसी मौत मिलेगी जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा। वे नहीं जानते कि मरने के बाद जन्नत में अय्यासी का उन्हें दिखाया गया ख़्वाब बताया कि उनकी बर्बादी का ऐसा रास्ता है जहाँ मरने के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा।
‘आतंकवाद की खोज करती है 72 हूरें’
फिल्म 72 हुरैन का टीजर एक रिएलिटी चेक की तरह सामने आया है, जिसमें दिखाया गया है कि सुसाइड बॉम्बिंग आम लोगों की ब्रेनवॉशिंग का नतीजा होता है। आम लोगों को धर्म और आस्था के नाम पर आतंकवाद के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया जाता है। फिल्म ’72 हूरें’ के निर्देशन और दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके संजय पूरण सिंह कहते हैं, ‘आम को धीरे-धीरे दिया जा रहा दिमागी ज़हर उन्हें आतंकवादी बना रहा है। ये आत्मघाती हमलावर भी हमारी तरह सामान्य सभी से ताल्लुक रखते हैं, जो कुछ आकाओं द्वारा दिखाए गए गलत मापों में ब्रेनवॉशिंग की बलि चढ़ जाते हैं और फिर ख़ूनखार आतंकवादी में दस्तावेज़ बन जाते हैं। 72 हूरों की ख़ुशफ़हमी के चलते वो बर्बादी के रास्ते पर चल रहे हैं और फिर उनका अंजाम बहुत ही दुखद होता है। हमें यह समझ की आशंका है कि बड़े पैमाने पर लोगों को बरगला कर आतंकवाद के रास्ते पर ले जाया जा रहा है। ऐसे में अब आतंकवाद के अभिलेखों और उन्हें सरल रूप से नष्ट करने की आवश्यकता है।’
कब रिलीज होगी ’72 हूरें’
पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर स्टारर ’72 हूरें’ को गुलाब सिंह तंवर ने बनाया है और अशोक पंडित इसके को-डायरेक्टर हैं। यह फिल्म 7 जुलाई, 2023 को देश भर के सिनेमा में जारी की जाएगी।