UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, सांकरा नगरी। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में रविवार को भव्य मंगल कलश यात्रा के साथ 51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। धर्म नगरी एवं ऋषि सत्ता युग्म सांकरा में आयोजित इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं का अपार उत्साह देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, देव पूजन एवं धर्म ध्वजा आरोहण के साथ हुई। इस पावन अवसर पर मुख्य अतिथि राम भुवन सार्वा एवं अध्यक्ष रमेश सार्वा की गरिमामयी उपस्थिति रही। साथ ही ब्लॉक समन्वयक रामकुमार सामरथ, इकाई अध्यक्ष टेमन कश्यप, धर्मेंद्र साहू, आयोजन समिति एवं गायत्री परिवार के सैकड़ों परिजन तथा ग्रामीण श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए।

नारी शक्ति की रही विशेष भूमिका
महायज्ञ में नारी शक्ति की अहम भूमिका देखने को मिली। गायत्री परिवार की सातों इकाइयों के परिजनों ने शोभायात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस भव्य यात्रा का विभिन्न धर्मों के श्रद्धालुओं ने भी जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया।
शहरभर में गूंजे वैदिक मंत्रोच्चार
मंगल कलश यात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर गांधी चौक, बस स्टैंड, मां सती माई मंदिर, दंतेश्वरी माई मंदिर, बीच पारा होते हुए पुनः यज्ञशाला के दिव्य देव मंच पर पहुंची, जहां विधिपूर्वक देव कलश स्थापना की गई।
शांतिकुंज हरिद्वार के प्रज्ञा पुत्रों ने किया मार्गदर्शन
शांतिकुंज हरिद्वार से आए प्रज्ञा पुत्रों ने देव कलश पूजन एवं स्थापना की विधियां संपन्न कराई। इस दौरान उन्होंने “आज के युग में यज्ञ की आवश्यकता” विषय पर प्रेरणादायक उद्बोधन भी दिया।
2000 से अधिक श्रद्धालुओं की भव्य भागीदारी
गायत्री महायज्ञ में 2000 से अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। गायत्री परिवार की सातों इकाइयों का विशेष सहयोग इस कार्यक्रम को भव्य बनाने में महत्वपूर्ण रहा।
धर्म और आध्यात्म का महापर्व जारी रहेगा
आयोजन समिति ने बताया कि आगामी दिनों में भी विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन एवं यज्ञीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालुओं की अपार भागीदारी की उम्मीद है।