
हर वक्त किसी न किसी काम में लगी रहने वाली महिलाएं अपनी सोच भूल जाती हैं। कभी ऑफिस तो कभी घर में आपकी देनदारियों (ओवरबर्डन) के कारण वे आपके स्वास्थ्य के प्रति निःसंदेह होने लगती हैं। इससे धीरे-धीरे महिलाओं के शरीर में पकड़ आने लगती है और वे बीमारियों की शिकार होने लगती हैं। दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठनों के आंकड़े ये इशारा करते हैं कि आप अपनी सेहत को लेकर सबसे ज्यादा सत्ता में हैं। यहां हम उन गंभीर बीमारियों के बारे में बता रहे हैं, जो महिलाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
खुद के बारे में दस्तावेजों से इन जोखिमों से बचाव किया जा सकता है
1. मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य)
काम के बोझ के चलते महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य की कल्पना नहीं रखती हैं। महिलाओं ने ऑफिस और घर के लिए दर्ज किए अपने-अपने कब्जे, हैप्पीनेस और खवाहिशें सब खत्म या कम कर लेती हैं। इसके चलते वे कई बार मानसिक तनाव का शिकार भी हो जाते हैं।
डब्ल्यू एच ओ (WHO) के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा चिंता और तनाव से जा रही हैं। तनाव एक मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर(मानसिक स्वास्थ्य विकार) है। जो 60 साल से कम उम्र की महिलाओं की मौत का सबसे प्रमुख कारण सामने आ रहा है। इससे मुक्ति के लिए महिलाओं में विश्वास भरना बहुत जरूरी है।
2. गैर संचारी रोग (गैर संचारी रोग)
फील (डायबिटीज), हार्ट डिजीज (हृदय रोग), हाइपरटेंशन (हाइपरटेंशन) और ओसिटियोपिरोसिस (ऑस्टियोपोरोसिस) जैसे नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज (गैर-संचारी रोग) यानी महिलाओं में गैर-संचारी रोग के दिनों में दिन बह रहे हैं। वीडियो के मुताबिक साल 2012 में करीब 47 लाख महिलाएं 70 साल की उम्र से पहले ही नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज से मर गईं।
मौत का ज्यादा सॉकेट लो और मिडल इनकम वाले मामलों का पता चला है। उसी समय तंबाकू का सेवन, शराब पीने, ड्रग्स लेने या अनुमान के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसा अनुमान है कि यूरोप और अमेरिका में 50 लोगों का पूर्वानुमान है। छोटी उम्र में ही अगर महिलाएं सही जीवन शैली का चयन कर लेती हैं, तो कई पूर्व से बचत हो सकती हैं।
3.मेटरनल हेल्थ (मातृ स्वास्थ्य)
दोस्ती एक महिला के जीवन का सबसे सुखद अनुभव है। उस वक्त महिलाओं को अपनी सेहत को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, गर्भावस्था, बच्चे का जन्म और उसके बाद महिलाओं का मेटरनल हेल्थ (मातृ स्वास्थ्य) उनका माहौल भी लगातार करता है। अगर महिलाएं स्वस्थ रहेंगी, तभी वे बच्चों के सही प्रकार से लालन पालन करेंगी।
डॉक्टरी सलाह के अनुसार दी गई दवाओं के कोर्स को पूरा करना भी बेहद जरूरी है। वहीं डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक साल 2020 में प्रागैतिहासिक और जन्मदाता इस दौरान या बाद में करीब 287,000 महिलाओं की मौत हुई। हांलाकि ये संख्या ज्यादा है। वहीं साल 2013 में मेटरन्ल हेल्थ को लेकर अवाक न रहें क्योंकि करीब 300,000 महिलाओं ने अपनी जान गंवाई। सामान्य दृश्यावली और पारिवारिक योजना न होने के कारण महिलाओं को इनसे होने वाली दुर्घटनाएँ हुईं।
4.यौन संचारित रोग (यौन संचारित रोग)
जब लड़कियाँ एडोलेंस से जुझारू होती हैं, तो उस ज़बरदस्त ज्ञान की कमी उन्हें कई रिकॉर्ड तोड़ती है। माता-पिता से छुपाना और दोस्तों से फ्रैंक बात न कर पाना उनके लिए बिल्कुल साबित होता है। ऐसे में उन्हें एसटीआई, एचआईवी और प्रेग्नेंसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है।
डब्ल्यू एच ओ (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार 13 मिलियन किशोर लड़कियां 20 साल से कम उम्र में गर्भवती से जुड़ती हैं। जो उनके लिए कई बार गर्भधारण का कारण भी बन जाती है। कम उम्र में प्रेग्नेंट होने से बच्चों को जुआन (एनीमिया), एनसेफ एबोर्शन (असुरक्षित गर्भपात) और कई मेंटल हेल्थ से आगे निकल जाना पड़ता है।

5. कैंसर (कैंसर)
ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में ले रहा है। शुरुआती लक्षण होते ही तुरंत इलाज करवाएं। अन्यथा इस बीमारी के जोखिम के दिन दिन बढ़ने लगते हैं। डब्ल्यू एच ओ के अनुसार वैश्विक आंकड़े यही संकेत देते हैं कि ब्लूप्रिंट पांच लाख महिलाएं सर्वाइकल कैंसर (सरवाइकल कैंसर) का शिकार हो जाती हैं। वहीं अन्य पांच लाख महिलाएं स्तन कैंसर (स्तन कैंसर) से मर रही हैं। ऐसे में महिलाओं को अपनी हेल्थ का लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही नियमित डॉक्टर जांच और फुल बॉडी चेकअप इस समस्या का व्यापक उपाय है।
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