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कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार लागू के 5 रूप
कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने शुक्रवार को कांग्रेस की पांच गारंटियों को बिना किसी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव के इस वित्त वर्ष में लागू करने का फैसला किया है। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इन 5 गारंटी को लागू करने में कर्नाटक सरकार के ऊपर छवि 60,000 करोड़ का ब्लूप्रिंट खर्चा देगी। ऐसे में राज्य सरकार पहले जारी दूसरी योजनाओं को जारी रखते हुए इन पांच गारंटियों को कैसे पूरा करेगी।
राजकोष पर आएगा 91 हजार करोड़ का भार
सबसे पहले तो ये बताएं कि वर्तमान में कर्नाटक में किसी भी तरह के वेलफेयर समझौते चल रहे हैं, उन्हें लागू करने में 31 हजार करोड़ रुपए प्रिंट खर्च हो रहे हैं। 5 नई गारंटी को लागू करने के साथ ही अब राजकोष पर कुल मिलाकर 91 हजार करोड़ का भार आ जाएगा। 5 गारंटियों को पूरा करने के लिए सरकार के पास अभी जारी जन कल्याण योजनाओं में चयन करने और अन्य उपायों के माध्यम से फंड लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
जनता से ही ठेका या कर्ज लेगा सरकार
कर्नाटक सरकार अतिरिक्त धन राशि जमा करने में आबकारी कर में भारी देनदारी करने के साथ-साथ संपत्ति कर और स्टांप और पंजीकरण शुल्क में भी अटकाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि अलग-अलग तरीकों से फंड जनरेट करने के बाद भी कर्ज लेकर ही कांग्रेस सरकार इन 5 गारंटी को पूरा कर पाएगी। इसके लिए फंड कहां से आएगा इसकी विस्तृत जानकारी अगले महीने आएगी, जब सीएम सिद्धारमैया वित्त मंत्री के तौर पर इस सरकार का पहला बजट पेश करेंगे।
5 गारंटी का ये है पूरा होश-किताब
- सरकारी सूत्र के अनुसार गृह लक्ष्मी को लागू करने में सरकार पर सबसे ज्यादा 30,720 करोड़ का बोझ मिलेगा।
- मुफ्त बिजली देने वाली ज्योति को पूरा करने के लिए 12 से 14 हजार करोड़ का खर्चा आएगा।
- भाग्य अन्न योजना को पूरा करने के लिए 16 हजार करोड़ का भार मिलेगा।
- महिलाओं को मुफ्त बस देने का अधिकार पूरा करने के लिए 4 हजार करोड़ की जरूरत होगी।
- यंग फंड को पूरा करने के लिए ब्लूप्रिंट लुक 2000 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा।
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