

रायपुर। नियमितीकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के 45 हजार कर्मचारी पांच दिन की हड़ताल पर हैं। हड़ताल का आज दूसरा दिन है। पहले दिन कर्मचारी कर्मचारी कोल्हू के बैल बने। आज पूरे प्रदेश में वे भैंस के आगे बीन बजाएंगे। कर्मचारियों का कहना है, सरकार ने नियमितीकरण का वादा किया था लेकिन सरकार के चार बज हो गए, उनके नंबर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हड़ताल के आखिरी दिन राजधानी रायपुर में प्रदेश व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद हड़ताल को और तेज किया जाएगा। विशिष्ट कर्मचारियों की हड़ताल से सरकारी अनापत्तियों का कार्य प्रभावित हो रहा है।
पूरे सप्ताह यही स्थिति रहेगी। विशेष कर हड़ताल से स्वास्थ्य व पंचायत जैसे महत्वपूर्ण संधि के कार्य प्रभावित भी हो रहे हैं। क्योंकि बडी संख्या में ये दोनों पहलुओं में कर्मचारी काम करने के लिए प्रतिबंधित हैं। पंचायत में नरेगा में भी बड़ी संख्या में रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, तथा नियमित अधीक्षकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
हड़ताल में जाने पर नरेगा का काम भी प्रभावित होगा। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के नेताओं ने सरकार बनने के पहले विशिष्ट कर्मचारियों के मंच पर आकर कांग्रेस सरकार बनने पर 10 दिन में बेरोजगार कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन चार साल बाद भी ये मांगे पूरी नहीं हुआ है।
इसलिए ही कर्मचारी कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नहीं हुई है। इस वजह से राज्य के कर्मचारियों पर भारी बोझ है, जबकि आंकड़ों के आंकड़ों में कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक फैसले लिए जा रहे हैं। 26 जनवरी को कर्मचारियों के बारे में यदि उचित सरकारी निर्णय नहीं मानता है, तो 30 जनवरी से 54 विभागों में कार्यकारी कर्मचारी गैर-व्यावसायिक आंदोलन पर भी जा सकते हैं।



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