चंडीगढ़: पंजाब में गुरुवार को 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप रही। सभी एंबुलेंस ड्राइवर हड़ताल पर चले गए। एंबुलेंस कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार उनका शोषण कर रही है। 108 एंबुलेंस सेवा पंजाब में सरकार द्वारा ठेला जा रहा है। अंबुलेंस अटकल का कहना है कि न तो उन्हें वेतन सभी मिल रहे हैं न ही कोई सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि वेतन वृद्धि भी नहीं दी जा रही है।
एंबुलेंस कर्मचारी क्या चाहते हैं?
- सभी 108 एंबुलेंस को सरकार अपनी क्षमता के अनुरूप करे
- हरियाणा की तर्ज पर 35 से 40 हजार रुपए मिले वेतन
- सभी कर्मचारियों के 50 लाख रुपये का बीमा किया जाएगा
- 12 की जगह ड्यूटी के लिए 8 घंटे तय करें
भोपाल भगवंत मान के साथ बैठक की मांग
325 चिपकने में एंबुलेंस को सड़क के किनारे पर खड़ा कर दिया गया और एंबुलेंस चालकों ने गुरुवार को लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन किया। यूनियन का कहना है कि वह मांगे जाने तक अपना साम्राज्य बनाएगी। इस दौरान राज्य भर में करीब 1450 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। यूनियन की ओर से सभी एंबुलेंस को टोल प्लाजा पर खड़ा किया गया है।
शुक्रवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी जो बेनतीजा रही थी। केंद्रीय मुलाजिम के बावजूद मंत्री की तरफ से समिति बनाने की क्षति नहीं माने और वे भगवंत मान के साथ बैठक करने की मांग की, इस कारण बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका।
‘हमें हरियाणा के बराबर वेतन दें’
हड़तालियों का कहना है कि प्राइवेट कंपनी को ठिकाना दे दिया गया है और हम लोगों ने 9 तारीख को सरकार को इस हड़ताल के बारे में बताया था, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें सिर्फ 9,500 रुपये वेतन मिलता है और कोई इंक्रीमेंट नहीं होता, न ही कोई हेल्थ इंश्योरेंस मिला है। हमारी मांग है कि हमें हरियाणा के बराबर वेतन दें और संपर्क को सरकारी नौकरी रद्द कर दें। एंबुलेंस सरकार तो निजी कंपनी क्यों दी जाती है।’