उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले देशों के बारे में, सदस्यों का मानना था कि एक ओर उनके लिए परिवर्तन संबंधी संदेश आगे चलकर महत्वपूर्ण रूप से बढ़ रहे हैं, वहीं उन्हें अपने आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि तीसरे जी20 प्रारूप कार्य समूह (एफडब्ल्यूजी) की यहां हुई बैठक में व्रीयतीकरण परिवर्तन और संशोधन से उपजी व्यापक आर्थिक क्षेत्रों जैसे अहम क्षेत्रों पर चर्चा की गई। दो दिवसीय एफडब्ल्यूजी बैठक के होने के बाद नागेश्वरन ने मामले से बातचीत की और कहा कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि स्वास्थ्य संबंधी विषयों में आगे बढ़ने वाले खर्च के बाद सरकार सीमित दायरे में खाद्य और विद्युत सुरक्षा के मुद्दों को कैसे संभालें।
उन्होंने कहा कि जहां तक क्रीमीकरण परिवर्तन और बदलाव के संबंध हैं, FWG बैठक में व्यापक सहमति थी कि हरित बदलाव का, मुख्य रूप से दीर्घव्यापार में निवेश के माध्यम से प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। उन्होंने कहा, हमें हरित तकनीक, सब्सट्रेट ऊर्जा, सौर मॉड्यूल और पैनल, पवन टर्बाइन आदि में निवेश करना होगा। उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले देशों के बारे में, सदस्यों का मानना था कि एक ओर उनके लिए परिवर्तन संबंधी संदेश आगे चलकर महत्वपूर्ण रूप से बढ़ रहे हैं, वहीं उन्हें अपने आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
नागेश्वरन ने कहा, उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाएं और कम आय वाले देशों के लिए, परिवर्तन संबंधी कारकों को आगे बढ़ाया जाता है, साथ ही उन्हें अपने विकास पर भी ध्यान देना होगा। इसलिए उन्हें मामूली और प्रौद्योगिकी तक पहुँचने की आवश्यकता है। एक सरकारी व्यापार के अनुसार दो दिवसीय इस बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रण देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों के 75 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूसरी G20 FWG बैठक 24-25 मार्च को चेन्नई में आयोजित की गई थी जहाँ G20 सदस्य देशों, आमंत्रणों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 87 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
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