
UNITED NEWS OF ASIA. रुपेश साहू, गरियाबंद | गरियाबंद जिले के ग्राम इंदागांव में बीते तीन महीनों में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली, जबकि आठ अन्य ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिससे गांव में डर और चिंता का माहौल बन गया है। इस बढ़ती घटनाओं को लेकर पूरे जिले में यह गांव चर्चा का विषय बना हुआ है।
गांव में शांति के लिए पूजा-पाठ, प्रशासन अलर्ट
लगातार हो रही आत्महत्या की घटनाओं के बाद ग्रामीणों ने गांव में शांति और मानसिक शांति की कामना के लिए पूजा-पाठ कराया। वहीं, हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और अधिकारियों की टीम ने गांव का दौरा किया।
प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम पहुंची गांव
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी मैनपुर, एसडीएम मैनपुर, जनपद सीईओ, तहसीलदार और मनोरोग विशेषज्ञों की टीम ने इंदागांव पहुंचकर ग्रामवासियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में गांव के सरपंच, पंच, कोटवार, महिलाएं और गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रसाद निराला एवं उनकी टीम भी मौजूद रही।
क्या हैं आत्महत्याओं के पीछे के कारण?
प्रारंभिक जांच में सामने आए कारण:
- कमल यादव (20 वर्ष): पिता द्वारा गुटका खाने से मना करने पर आत्महत्या।
- चंद्रशेखर यादव (19 वर्ष): कमल यादव का घनिष्ठ मित्र था, उसकी आत्महत्या के सदमे में खुदकुशी कर ली।
- राजेंद्र यादव (45 वर्ष): शराब के नशे में आत्महत्या की।
इसके अलावा आत्महत्या का प्रयास करने वाले आठ लोगों के अलग-अलग व्यक्तिगत कारण थे।
मानसिक अवसाद बना आत्महत्याओं का मुख्य कारण
ग्रामवासियों, सरपंच, पंचगण और मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक अवसाद को आत्महत्या का मुख्य कारण माना है। बैठक में गांव में नशा विरोधी अभियान चलाने और महिला कमांडो टीम गठित करने का प्रस्ताव रखा गया।
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर: 14416 या 18008914416 (24×7 सहायता उपलब्ध)
क्या कर रहा प्रशासन?
- अवैध शराब बिक्री के खिलाफ कार्रवाई
- गांव में मानसिक स्वास्थ्य पर काउंसलिंग अभियान
- सड़क पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती
जिला प्रशासन की अपील – अफवाहों पर ध्यान न दें
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी को न फैलाएं और न ही उस पर विश्वास करें। यदि कोई मानसिक तनाव से गुजर रहा है तो उसे काउंसलिंग और हेल्पलाइन का सहारा लेने के लिए प्रेरित करें।













