
UNITED NEWS OF ASIA. बस्तर. छत्तीसगढ़ में बस्तर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में निमोनिया, जापानी बुखार और मलेरिया से 3 मासूम बच्चियों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, जब इनकी हालात बिगड़ी तो इन्हें दंतेवाड़ा और बीजापुर से रेफर कर मेडिकल कॉलेज लाया गया था। इनमें 2 बच्चियां दंतेवाड़ा और एक बीजापुर की थी।
कुआकोंडा की डेढ़
पहले भी आ चुके हैं मामले
बस्तर में मलेरिया और जापानी बुखार से मौत के मामले पहले भी आ चुके हैं। हाल ही के कुछ दिन पहले बीजापुर में आश्रम में पढ़ने वाले 2 बच्चों की मौत हुई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आश्रम में मेडिकल कैंप लगाया था।
मलेरिया से बचाव के तरीके
- कूलर और टैंक जैसी चीजों में पानी न भरने दें।
- घर में जहां भी पानी भरता दिखे, उस जगह को मिट्टी से भर दें। उस पानी में मिट्टी का तेल भी डाल सकते हैं। इससे मच्छर नहीं पनपेंगे।
- अपने शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें।
- तेज बुखार और कपकपी छूटने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- हमेशा मच्छरदानी के अंदर सोएं।
- घर के आस-पास कीटनाशकों का छिड़काव करें।
जापानी बुखार से बचने के उपाय
- नवजात बच्चे का समय से टीकाकरण कराएं।
- आस-पास साफ-सफाई रखें।
- गंदे पानी को जमा न होने दें, साथ ही पानी उबाल कर पिएं।
- बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खाना दें।
- हल्का बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाए।
साल की आरुषि, नकुलनार की अनिता (04) और बीजापुर की मल्लिका अनमोल (02) की मौत हुई है। इनमें एक बच्ची को निमोनिया की शिकायत थी, जबकि 2 जापानी बुखार और मलेरिया से ग्रसित थी। जब इन तीनों की स्थिति काफी गंभीर हुई तो इन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
मौसमी बीमारियों का कहर जारी
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से बस्तर में मौसम लगातार बदल रहा है। जिसके चलते मौसमी बीमारियों के केस भी बहुत आ रहे हैं। बदलते मौसम की वजह से बच्चे ज्यादा इफेक्ट हो रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने निमोनिया और जापानी बुखार समेत मलेरिया से बचने के निर्देश भी जारी किए हैं।



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