
UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। रविवार, 7 अप्रैल 2025 को अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी माओवादियों समेत कुल 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।
3 इनामी माओवादी, जिन पर कुल 4.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, ने भी डाले हथियार:
राजेश कश्यप उर्फ गमसन कश्यप – आमदई एरिया जनमिलिशिया कमांडर – ₹3 लाख का इनामी
कोसा माड़वी – गमपुर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष – ₹1 लाख का इनामी
छोटू कुंजाम – सीएनएम सदस्य – ₹50 हजार का इनामी
इन माओवादियों के आत्मसमर्पण में प्रमुख भूमिका दंतेवाड़ा पुलिस, सीआरपीएफ, और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति की रही, जिनके सतत संपर्क और विश्वास निर्माण प्रयासों से ये माओवादी संगठनों को छोड़ने के लिए प्रेरित हुए।
इन पदों पर थे सक्रिय:
01 आमदई एरिया जनमिलिशिया कमांडर
01 जनताना सरकार अध्यक्ष
20 मिलिशिया, सीएनएम, डीएकेएमएस व अन्य शाखा सदस्य
03 केशकुतुल आरपीसी मिलिशिया और डीएकेएसएस सदस्य
01 गुड़से आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य
ये सभी आत्मसमर्पित माओवादी पूर्व में रोड काटने, बैनर-पोस्टर लगाने, और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण:
यह आत्मसमर्पण डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आयोजित एक समारोह के दौरान किया गया, जिसमें मौजूद रहे:
कमलोचन कश्यप (उप पुलिस महानिरीक्षक, दंतेवाड़ा रेंज)
गौरव राय (पुलिस अधीक्षक, दंतेवाड़ा)
नीरज यादव, राजीव कुमार, अनिल प्रसाद, सुनिल भंवर (कमांडेंट, सीआरपीएफ 111वीं, 195वीं, 230वीं, 231वीं वाहिनी)
कई अन्य CRPF एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी
पुनर्वास नीति के तहत मिलेगी सहायता:
आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को राज्य सरकार की नई पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, साथ ही स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण, कृषि भूमि, और अन्य मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
अब तक 953 माओवादियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता:
लोन वर्राटू अभियान के अंतर्गत अब तक 224 इनामी समेत कुल 953 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह अभियान बस्तर क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
प्रमुख कारण: विचारधारा से मोहभंग, अत्याचार से तंग
अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब संगठन की अमानवीय विचारधारा, आपसी कलह, और जंगलों में जीवन की कठिनाइयों से तंग आ चुके थे। वे अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर शांति और विकास के साथ जीवन बिताना चाहते हैं।
अभियान की सफलता में इन बलों का विशेष योगदान:
RFT आसूचना शाखा दंतेवाड़ा
111वीं, 195वीं, 230वीं, 231वीं वाहिनी CRPF
जिला पुलिस बल दंतेवाड़ा
लोन वर्राटू अभियान की यह सफलता साबित करती है कि जब सरकार, सुरक्षा बल और समाज मिलकर प्रयास करते हैं, तो हिंसा और आतंक का रास्ता छोड़कर लोग शांति और विकास की राह चुन सकते हैं।



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