कोरबाछत्तीसगढ़

रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया सहायक उप निरीक्षक, एसीबी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप थाना परिसर में 10,000 रुपये की रिश्वत लेते एएसआई मनोज मिश्रा गिरफ्तार, प्रार्थी ने किया था शिकायत दर्ज

भूपेंद्र साहू कोरबा. प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही एसीबी (भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो) की मुहिम के तहत कोरबा जिले से एक और चौंकाने वाली कार्रवाई सामने आई है। सहायक उप निरीक्षक (ASI) मनोज मिश्रा को आज रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों के अनुसार, प्रार्थी पंचराम चौहान, निवासी केसला, जिला कोरबा ने एसीबी बिलासपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि कुछ दिन पहले रात लगभग 1 बजे थाना हरदीबाजार में पदस्थ एएसआई मनोज मिश्रा उसके घर पहुंचा और आरोप लगाया कि उसकी बोलेरो गाड़ी से डीजल चोरी का काम होता है। एएसआई ने वाहन को थाने ले जाने की बात कही।

रास्ते में एएसआई मिश्रा ने पंचराम से कहा कि यदि वह गाड़ी को कार्यवाही से बचाना चाहता है, तो उसे 50,000 रुपये देने होंगे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते प्रार्थी इतनी राशि देने में असमर्थ था, इस पर एएसआई ने उसकी गाड़ी अपने पास रख ली। हालांकि, अगले दिन गाड़ी लौटा दी गई और कहा गया कि पैसे की व्यवस्था जल्द कर लेना।

पंचराम ने एसीबी से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी और स्पष्ट किया कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता, बल्कि एएसआई को रंगेहाथ पकड़वाना चाहता है। शिकायत की जांच के बाद मामला सत्य पाए जाने पर एसीबी ने जाल बिछाया।

आज दिनांक 5 अप्रैल को पंचराम को 10,000 रुपये की नकद राशि के साथ थाना कोतवाली परिसर भेजा गया, जहां एएसआई मनोज मिश्रा ने उससे रिश्वती रकम स्वीकार की। ठीक उसी समय पहले से तैनात एसीबी की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।

मनोज मिश्रा के विरुद्ध धारा 7 पीसी एक्ट 1988 (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले सात माह में प्रदेश में पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह छठवीं ट्रैप कार्रवाई है, जिससे साफ है कि एसीबी भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सक्रिय है। कोरबा में आज की इस कार्रवाई ने दिनभर शहरभर में चर्चाओं का दौर बना दिया।

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page