
दिन बदलते जा रहे हैं लाइफस्टाइल कई तरह से हमारे जीवन को प्रभावित कर रही है। इसके सभी लोग प्रकार की संभावनाओं से प्रभावित हो रहे हैं और दोस्ती में से एक है। असल में, ये एक ग्रंथि है, जो मोती में मौजूद होती है। इसके अनुरूप शरीर से लेकर हृदय तक मेटाबोलिज्म तक कई पहलुओं का सामना करना पड़ता है। बार थकान बार का अनुभव और कमजोरी का पालन इसके मुख्य लक्षण। हांलाकी लोग इससे राहत पाने के लिए कई प्रकार की दवाएं भी ले सकते हैं। मगर योग के माध्यम से भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं (थायराइड में सुधार के लिए योगासन)।।
असंतुलित जीव के अस्तित्व की समस्या बढ़ती दिख रही है। इस स्वास्थ्य कंडीशन कोहोइनथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म के नाम से जाना जाता है। खोथायरायडिज्म से हमारा कोलोराडो उस स्थिति से है, जब शरीर में थायरॉयड ग्रंथि पूर्ण रूप से सूडान हार्मोन उत्पादन नहीं कर पाती है। वहीं हाइपरथायरायडिज्म का अर्थ है, जिससे शरीर में भारी मात्रा में हार्मोन की उत्पत्ति होती है।
योग गुरु आचार्य प्रतिष्ठान बताते हैं थायर नाइट्रोजन को नियंत्रित करने वाले 2 योगासन
1. उष्ट्रासन
कमर में स्टिफनेस, हेयर फाल, डीएल स्किन और थायरऑर्डिट इसकी स्थिति में इसका अभ्यास अत्यंत चरम साबित होता है। इसका मतलब हमारा शरीर रचना होना प्रतीत होता है। इसके अलावा दांतों के दर्द में भी ये बेहद चमत्कारी साबित होता है। योग गुरु प्रतिष्ठा का कहना है कि इस योगासन के दौरान शरीर में संतुलन महसूस होता है। इससे थायर आयोडीन में फ़ायदा होता है।
इस योगासन को करने की प्रक्रिया
सबसे पहले इस योग को करने के लिए वज्रासन में बैठ गया। इसके बाद मज़बूरी के बल हो गए और स्टिमी को ज़मीन पर रुकवा दिया गया।
इसके बाद अब धीरे-धीरे खुद को पीछे की ओर झुकाएं। दोनों बाजुओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और दोनों के तलवों पर हाथों को देखें।
गर्दन को पीछे की ओर रखें। शरीर को आर्क की स्थिति में ले जाना। इस योग के दौरान आप गले पर स्टाइल का अनुभव करेंगे।
कुछ देर इसी योगमुद्रा में रहने के बाद फिल्म से आगे बढ़ें और शरीर को ढीला छोड़ दें। कंपनी से वज्रासन की मुद्रा में जाएँ।
इस योगासन को आप 30 सेकंड से 1 मिनट तक 2 से 3 बार तक पूरा कर सकते हैं। इसे करने से शरीर को प्लास्टिक की तरह मिल कर बदला जा सकता है।
2. उज्जयी योग
यदि आप परेशान से परेशान हैं, तो इस योग का नियमित रूप से अभ्यास करें। इसे लगातार करने से गले पर दबाव महसूस होता है। इसे मजदूरों की परेशानी से मुक्ति मिलने के साथ ही मुक्ति भी मिल जाती है। इस योग मुद्रा से आप दिन से 5 से 10 बार कर सकते हैं।
इसे करने की प्रक्रिया
योग गुरु आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि इस योग को करने के लिए एक दम सीधे बैठें और हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें। कमर को भी सीधा रखें और जीभ को अंदर की ओर घुमाएं।
इस योग को करने के दौरान नाक से सांस ली जाती है और नाक से ही सांस ली जाती है। इस दौरान खराटे जैसे ध्वनि का उच्चारण करना है।

सांस लेने के दौरान ऐसा अनुभव करें कि जैसे हवा गले को छूती हुई अंदर की ओर जा रही हो। यह समय आँखे बंद करके रखें।
15 से 20 सेकंड तक इसे करने के बाद अपने गले को और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। कुछ देर तक आंखें बंद रखने वाले और फिर आंखों को खोलने वाले।
इस योग को अभ्यास में शामिल करके आप 5 बार कर सकते हैं। फिर धीरे-धीरे 10 बार करें।
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