ब्रिटेन में स्कार्लेट ज्वर चीन में कोरोना विस्फोट ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इस बीच ब्रिटेन से भी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, निशानेलेट फेवर (बुखार) ने कोहराम मचाया है। अब इस जानलेवा बुखार से 19 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्कारलेट फीवर के मामले इंग्लैंड में बढ़कर अब 17,695 हो गए हैं। इनकी संख्या एक साल पहले इसी समय 2,538 थी।
स्कारलेट फीवर क्या है?
स्कार्लेट फीवर एक जीवाणु संक्रमण (जीवाणु संक्रमण) है। यह समूह एक स्ट्रेप बैक्टीरिया से यौगिक है। दुर्लभ मामलों में, यह बैक्टीरिया किसी व्यक्ति के रक्त में पहुंच सकता है और घातक जानलेवा बीमारी का कारण बन सकता है। ब्रिटेन में इस फीवर को स्कारलेटिना भी कहते हैं। भले ही यह फीवर कोरोना जितना तेजी से न फैल रहा हो लेकिन यह एक ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है।
स्कारलेट फीवर के लक्षण क्या हैं?
स्कारलेट फीवर के पहले लक्षण फ्लू यानी तेज बुखार के समान दिखाई दे सकते हैं। बुखार की तरह इसमें भी बॉडी टेम्परेचर बढ़ जाता है। गले में दवा और गर्दन के नशों में सूजन के साथ-साथ दाने भी निकल सकते हैं। इस बीमारी के होने से पूरा शरीर लाल और उभरता हुआ रैश हो जाता है। शुरू में ये सनबर्न की तरह दिखते हैं। ये रैश पहले चेहरे पर फिर गले और फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं।
यही बैक्टीरिया अन्य और कम गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है, जिनमें स्ट्रेप थ्रोट, टॉन्सिलिटिस, त्वचा संक्रमण इम्पेटिगो और सेल्युलाइटिस शामिल हैं। “स्ट्रेप ए” के मामले पूरे ब्रिटेन में हैं। प्रकोप अब तक 19 बच्चों की जान ले ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मरने के पीछे “स्ट्रेप ए” बैक्टीरिया बताया जा रहा है। अगर किसी बच्चे का गला खराब है तो उसे स्कारलेट फीवर हो सकता है। क्योंकि जो बैक्टीरिया स्कारलेट फीवर फैलाते हैं वही गला खराब होने के कारण भी बनते हैं। अभी यह बुखार ज्यादातर 5 से 15 साल तक के बच्चों में देखा जाता है।
स्कारलेट फीवर का इलाज
स्कारलेट फीवर के मामले में आसानी से इलाज उपलब्ध है। इसका इलाज उसी तरह होता है जैसे खराब गले का किया जाता है। डॉक्टर बच्चे को एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि जिस बच्चे में स्कारलेट फीवर के लक्षण होते हैं उसे घर पर ही रहना चाहिए। इसके अलावा, लक्षण वाले बच्चे या अन्य व्यक्ति को गर्म होकर पानी से गरारे करना चाहिए। साथ ही गुनगुना पानी भरा हुआ है। बुखार के किसी भी लक्षण में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ब्रिटेन में लगातार बढ़ रहे मामले
मानकों ने पहले कहा था कि इस तरह के बैक्टीरिया के मामले में इस साल की शुरुआत में बढ़ोतरी हुई है, जो कि COVID-19 महामारी का असर हो सकता है। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि स्कारलेट फीवर के मामले अभी तक अपने चरम (पीक) पर नहीं पहुंचे हैं। स्कारलेट फीवर के मामलों में वृद्धि ब्रिटिश हेल्थ प्रोफेशनल्स पर भारी दबाव डाल रहा है जो हाल ही में कोरोना के संकट से घिरे हैं। पूरे ब्रिटेन में पेनिसिलिन और अन्य एंटीबायोटिक दवाओं की कमी है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्ट्रेप ए का मामला फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्वीडन समेत अन्य यूरोपीय देशों में भी तेजी से फैल रहा है।
इस बीच, बच्चों में एक प्रकोप से घबराहट माता-पिता घबरा के चक्कर काट रहे हैं। ब्रिटेन के लोगों की चिंता उस समय और बढ़ गई जब देश भर की नर्सों ने वेतन के मुद्दों को लेकर हड़ताल करने की चेतावनी दी। वहीं सोमवार को एक मंत्री ने चेतावनी दी थी कि दादा-दादी (बुजुर्गों) को उनके पोते की तुलना में स्ट्रेप ए से मरने का अधिक खतरा है। मारिया कॉलफील्ड ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए कहा कि इस साल कम उम्र में मरने वालों में “सबसे ज्यादा संख्या” 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की थी। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटिश के लोग क्रिसमस मनाने की तैयारी कर रहे हैं।