विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि उज्बेकिस्तान द्वारा उज्बेकिस्तान के खिलाफ मौजूदा कंपनी के प्रतिनिधियों की जांच शुरू की गई है। इस मामले में हम जबरदस्त संचार सहयोग दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस विज्ञपति जारी की है और नोएडा में उनके प्लांट की जांच की जा रही है।
दवा कंपनी मैरियन बायोटेक की खांसी की दवा पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत होने से जुड़े मामले की जांच केंद्रीय मानक मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने शुरू कर दी है। वहीं उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप के मामले में मौत को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि उज्बेकिस्तान द्वारा उज्बेकिस्तान के खिलाफ मौजूदा कंपनी के प्रतिनिधियों की जांच शुरू की गई है। इस मामले में हम जबरदस्त संचार सहयोग दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस विज्ञपति जारी की है और नोएडा में उनके प्लांट की जांच की जा रही है।
उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी की सिरप से 18 बच्चों की मौत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट भी देखी है। उज्बेकिस्तान की एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं लेकिन वहां हमारे दूतावास ने उन्हें इस मामले में जानकारी दी है। रूसी पत्रकार की मौत के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमें इसकी जानकारी है और ओडिशा पुलिस हमारे कानून के अनुसार इसकी जांच कर रही है।
बता दें कि विस्तृत में निदेशक (विनियमन और पूर्व योग्यता) डॉ. रोजेरियो गैस्पर को एक प्रकार पत्र में भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ.वी.जी. सोमानी ने कहा था कि अक्टूबर में वैश्विक स्वास्थ्य निकायों द्वारा इसे भारत में निर्मित कफ सिरप से जोड़ा गया था, जिसके कारण भारतीय दवा उत्पादों की गुणवत्ता को लक्षित करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कायम रखा गया था।
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