UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी । उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले सोण्डूर डैम में अवैध रूप से मछली शिकार करने वालों पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई हुई है। उड़ीसा से आए 17 मछुआरों को रिसगांव रेंज के गश्ती दल ने मछली और जाल के साथ जंगल के भीतर पकड़ लिया। उनके पास शिकार की गई मछलियां और वाहन भी जब्त किए गए। आरोपियों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं 27, 29, 31, 50 के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया।

टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शिकार प्रतिबंधित
उल्लेखनीय है कि सोण्डूर डैम, अरसीकन्हार रेंज के टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का शिकार पूरी तरह कानूनन अपराध है। यहां मछली पर भी वही संरक्षण नियम लागू होते हैं जो अन्य वन्य प्राणियों पर होते हैं। यही वजह है कि इस डैम में कोई मछली ठेका या वैध मछली पकड़ने की अनुमति नहीं होती।
गश्ती दल की सजगता से बड़ी सफलता
वन विभाग को लगातार जानकारी मिल रही थी कि डैम क्षेत्र में उड़ीसा के कुछ तस्कर अवैध रूप से मछली शिकार कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर रिसगांव रेंज की गश्ती टीम ने डैम क्षेत्र में दबिश दी और जंगल के भीतर इन मछुआरों को मछली व जाल के साथ रंगेहाथ पकड़ा।

पकड़े गए आरोपियों में शामिल हैं:
शिबा पिता पूरण पटेल, पदलाल पिता कोमलू, सुरत पिता सुकमन, वरुण, निलधर, सराधू, जोमू, अजम, रसबन, रजमन, चंदन, बृज, सहदूर, फागूराम, परमाजानी, डमनाधर और अजीत – सभी उड़ीसा के विभिन्न गांवों से ताल्लुक रखते हैं।
वन विभाग की चेतावनी:
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि सोण्डूर डैम टाइगर रिजर्व क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा है और यहां किसी भी तरह का शिकार अवैध है। अगर भविष्य में भी कोई व्यक्ति इस क्षेत्र में मछली पकड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सरकारी कानूनों और प्रतिबंधों का उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।