
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । सहकार भारती के बुनकर प्रकोष्ठ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में देशभर के 17 राज्यों से लगभग 650 बुनकर प्रतिनिधि शामिल हुए। समापन सत्र में राज्यपाल रमेन डेका और कृषि मंत्री रामविचार नेताम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
बुनकरों की समस्याओं पर चर्चा
अधिवेशन में बुनकरों ने हथकरघा और हस्तशिल्प में बढ़ते मशीनों के उपयोग, घटती बुनकरों की संख्या, सरकारी अनुदान में कमी तथा विपणन की कठिनाइयों जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की। अधिवेशन के दूसरे दिन 13 प्रस्ताव पारित किए गए, जिन्हें भारत सरकार को भेजा जाएगा। ये प्रस्ताव राष्ट्रीय संयोजक अनंत कुमार मिश्रा द्वारा रखे गए और उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया।
“छत्तीसगढ़ शांति का टापू” — रामविचार नेताम
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ को नक्सल प्रभावित प्रदेश के रूप में नहीं बल्कि शांति के टापू के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुनकरों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है, पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल का संबोधन
राज्यपाल रमेन डेका ने कहा— “मैं स्वयं बुनकरों के गाँव से आता हूँ, इसलिए उनकी पीड़ा और संभावनाओं को भलीभांति समझता हूँ। भारत एक बड़े बाज़ार के रूप में उभर रहा है और ऐसे में बुनकर समितियों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है।”
उन्होंने छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रोत्साहन देने पर बल दिया तथा अमूल और लिज्जत पापड़ जैसी सफल सहकारी संस्थाओं का उदाहरण प्रस्तुत किया।
13 प्रमुख प्रस्ताव
सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पाचपोर ने बताया कि बुनकरों के कल्याण हेतु पारित प्रस्तावों में प्रमुख हैं—
राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र बुनकर कल्याण बोर्ड का गठन,
हाथकरघा क्लस्टर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना,
हाथकरघा वस्त्रों पर जीएसटी माफी,
राष्ट्रीय हाथकरघा नीति निर्माण,
बुनकर पर्यटन को बढ़ावा देना।
राष्ट्रीय प्रकोष्ठ का पुनर्गठन
अधिवेशन के दौरान सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदय जोशी ने बुनकर प्रकोष्ठ का पुनर्गठन किया। इसमें अनंत कुमार मिश्र को राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया गया, जबकि असम, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बुनकर प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया।
व्यापक उपस्थिति
अधिवेशन में सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री दीपक चौरसिया, संगठन मंत्री संजय पाचपोर, आरबीआई एवं नाबार्ड के निदेशक सतीश मराठे, राष्ट्रीय महिला प्रमुख रेवती शेंदुर्निकर, छत्तीसगढ़ संगठन महामंत्री कनीराम जी, अधिवेशन संयोजक सुरेंद्र पाटनी, सहसंयोजक पुरुषोत्तम देवांगन, और व्यवस्था प्रमुख अजय अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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