पश्चिम सिंहभूम। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में बैंक कर्मचारियों की नौकरी के चलते बीड़ी बनाने वाले एक 42 वर्षीय व्यक्ति को जेल जाना पड़ा है। युवक का आधार नंबर किसी महिला के फायदों से जोड़ दिया गया था। जिसके बाद युवक ने अपने रूट नंबर के जरिए कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर पैसे की निकासी की। पिछले दो साल में युवक ने महिलाओं के खर्च से 1 लाख रुपये खर्च किए। वहीं जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। युवक की पहचान जीतराय सामंत के रूप में हुई है।
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के 42 साल के बीड़ी मजदूर को राज्य पुलिस ने कथित तौर पर एक महिला के खाते से पैसे निकालने का आरोप लगाया है, जिसका बैंक खाता नंबर से गलत तरीके से बहाना था। सामंत को दो साल पहले पैसे के बारे में पता चला था। जब एक कॉमन सर्विस सेंटर पर गया था। जांच से स्पष्टीकरण सूत्रों के अनुसार, सीएससी के पास एक बैंक प्रतिनिधि भी था जो लाभार्थी के खाते में मौजूद निकालने में मदद करता था।
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हालांकि मामला तब सामने आया जब पिछले साल सितंबर में लागुरी नाम की महिला ने झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के प्रबंधक से शिकायत की थी कि उनके खाते से पैसे गायब हो रहे हैं। प्रबंधक ने अधिकारियों को पत्र लिखा और गलती से जाने के बाद सामंत से पैसे वापस करने के लिए कहा। चूंकि वह ऐसा करने में असमर्थ था, इसलिए उसने अक्टूबर में जिले के मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वास) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सामंत को 24 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। एक गलती हुई थी और उसके किसी और के लाभ से जुड़ गया था, लेकिन उसने राशि वापस नहीं की। उसने कथित तौर पर सीएससी पॉइंट पर रिश्वत दी ताकि किसी और को पता न चले। (जब पुलिस ने इस मुद्दे के बारे में नोटिस जारी किया) तो उसने हमें एक पत्र लिखा और कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पैसे भेजे हैं।
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पहले प्रकाशित : 28 मार्च, 2023, 06:39 IST