
UNITED NEWS OF ASIA. इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदुओं के खिलाफ विवादित बयान देकर अपने कट्टर इस्लामी सोच को उजागर किया है। इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानियों के पहले वार्षिक सम्मेलन में जनरल मुनीर ने न केवल दो-राष्ट्र सिद्धांत को महिमामंडित किया, बल्कि हिंदू समाज और भारत की विविध संस्कृति के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी की।
जनरल मुनीर ने अपने 16 अप्रैल के भाषण में कहा, “हम हिंदुओं से एकदम अलग हैं। हमारे धर्म, परंपराएं, सोच और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। इसी सोच ने दो-राष्ट्र सिद्धांत को जन्म दिया और पाकिस्तान की नींव रखी गई।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान, ‘कलमे’ की बुनियाद पर बनी दुनिया की दूसरी रियासत है – पहली मदीना थी।
मुनीर का भाषण या धार्मिक उन्माद का एजेंडा?
मुनीर ने मंच से भावुक अपील करते हुए कहा कि पाकिस्तानी मूल के लोग अपनी अगली पीढ़ियों को ‘पाकिस्तान की कहानी’ जरूर बताएं, ताकि वह देश से भावनात्मक रूप से जुड़े रहें। इस दौरान उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘शिरगर्द नस’ बताया और गाजा में इज़रायल की कार्रवाई पर फिलिस्तीन का पक्ष लेते हुए वैश्विक मंच पर भी तीखी बयानबाजी की।
राजनीति या धार्मिक प्रोपेगैंडा?
ओवरसीज सम्मेलन के इस मंच पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, लेकिन जनरल असीम मुनीर का भाषण भारत-विरोधी विचारधारा और धार्मिक उन्माद से भरा रहा। उन्होंने अपनी बातों से यह साबित करने की कोशिश की कि पाकिस्तान केवल भू-राजनीतिक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक धार्मिक मिशन है।
भारत की तरफ से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
असीम मुनीर के इस भड़काऊ बयान पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश नीति विश्लेषक इसे एक तरह की “राजनीतिक भटकाव रणनीति” बता रहे हैं, ताकि पाकिस्तान आंतरिक अस्थिरता और आर्थिक संकट से जनता का ध्यान भटका सके।



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