
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों को स्वच्छता और सुव्यवस्था की दिशा में और बेहतर बनाने के उद्देश्य से आज नवा रायपुर स्थित सर्किट हाउस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों ने भाग लिया और मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में किए गए अध्ययन भ्रमण के अनुभवों को साझा किया।
इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कार्यशाला का मार्गदर्शन किया और सभी महापौरों तथा आयुक्तों से अपने-अपने शहरों में इंदौर मॉडल के क्रियान्वयन का आह्वान किया।
“शहर को घर जैसा समझकर कार्य करें महापौर” – अरुण साव
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा:
“महापौर शहर का प्रथम नागरिक और मुखिया होता है। उसके पास नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक अधिकार और संसाधन होते हैं। जैसे हम अपने घर को साफ और सुंदर बनाते हैं, वैसे ही पूरे शहर को भी स्वच्छ, सुव्यवस्थित और नागरिकों के लिए सुविधायुक्त बनाना चाहिए।“
उन्होंने कहा कि “राज्य की छवि उसके शहरों से बनती है” और यदि हमारे शहर साफ-सुथरे और सुचारु होंगे तो छत्तीसगढ़ की छवि भी राष्ट्रीय स्तर पर निखरेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इंदौर, जो पिछले सात वर्षों से भारत का सबसे स्वच्छ शहर रहा है, वहाँ महापौरों और आयुक्तों को भेजने का उद्देश्य यही था कि वे वहाँ की कार्यप्रणाली को समझें और छत्तीसगढ़ के शहरों में उसे लागू करें।
महापौरों ने साझा किए इंदौर भ्रमण के अनुभव
🔹 रायपुर की महापौर मीनल चौबे
“इंदौर की सबसे बड़ी विशेषता वहाँ की अंडरग्राउंड और कवर्ड नालियाँ हैं। इससे नालियों में कचरा नहीं जाता और जाम की समस्या भी नहीं होती। वहाँ जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच शानदार समन्वय है।”
🔹 बिलासपुर की महापौर पूजा विधानी
“पूरा इंदौर शहर मवेशियों और सड़कों पर अतिक्रमण से मुक्त है। नालियों के किनारे कहीं भी ठेले या गुमटियाँ नहीं दिखीं। यह सब प्रभावी नियंत्रण और जागरूकता का परिणाम है।“
🔹 कोरबा की महापौर संजुदेवी राजपूत
“इंदौर में होर्डिंग्स और बैनर पर सख्त नियंत्रण है – 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होता है। साथ ही वहां AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए कचरा संग्रहण की गाड़ियों की ट्रैकिंग की जाती है। कोरबा में हम भी इन उपायों को अपनाने का प्रयास कर रहे हैं।”
आने वाले दिनों में अन्य नगरीय निकायों के प्रतिनिधि भी जाएंगे अध्ययन भ्रमण पर
साव ने घोषणा की कि अब अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्ष और सीएमओ को भी देश के स्वच्छ्तम शहरों के भ्रमण पर भेजा जाएगा, ताकि वे शहरी प्रबंधन और जनसंवेदनशील योजनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।
उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
कार्यशाला में नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक श्री आर. एक्का, सुवा के अतिरिक्त सीईओ श्री दुष्यंत कुमार रायस्त, एवं अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य सहित सभी निगमों के आयुक्त और महापौर उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ में शहरी विकास की दिशा में यह कार्यशाला एक ठोस पहल के रूप में सामने आई है। इंदौर जैसे उदाहरणों से सीखकर यदि योजनाएं धरातल पर लागू होती हैं, तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के शहर भी देश के स्वच्छ और स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल हो सकते हैं।
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